प्रयागराज, । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सचिवालय में अपर निजी सचिव (एपीएस) पद पर नियुक्ति के लिए जारी विज्ञापन के तहत चयनित 1047 अभ्यर्थियों की चयन सूची और नियुक्ति विज्ञापन रद्द करने के उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के 24 अगस्त 2021 के आदेश को निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने आयोग को यह निर्देश भी दिया है कि तैयार की गई चयन सूची के आधार पर ही नियुक्तियों के लिए आवश्यक संस्तुति करे।
चयनित अभ्यर्थियों की ओर से लोक सेवा आयोग के इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। याचियों का कहना था कि लोक सेवा आयोग ने 13 दिसंबर 2013 को विज्ञापन जारी कर आवेदन आमंत्रित किए थे। याचियों ने इस विज्ञापन के तहत आवेदन किया और चयन प्रक्रिया में भाग लिया। वे लिखित परीक्षा और टाइपिंग टेस्ट में सफल हो गए। इसके बाद आयोग ने 24 अगस्त 2021 को आदेश जारी कर उपरोक्त चयन रद्द कर दिया। याचियों का कहना था कि चयन प्रक्रिया में सात से आठ साल का समय लगा।