16,513 मदरसों के छात्र- छात्राओं को विश्वस्तरीय कोर्स के लिए किया जाएगा तैयार
अल्पसंख्यक कल्याण, वक्फ व हज मंत्री धर्मपाल सिंह ने दी जानकारी
लखनऊ। प्रदेश के 16,513 मदरसे के छात्र-छात्राओं को नई तकनीक और विश्वस्तरीय कालेजों में एडमिशन के लिए अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय ने नई पहल की है। मदरसों में पढ़ने वाले 13.92 लाख छात्र-छात्राओं को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी (एआई) की शिक्षा दी जाएगी। बुधवार को मदरसे व स्कूलों के शिक्षकों को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी तकनीक का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
हज मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि मदरसे के बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रदेश सरकार लगातार
प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में इस वर्ष सभी मदरसों को यूडायस से जोड़ा गया। बच्चों का आधार प्रमाणीकरण कराया गया। जिसके बाद मदरसों में बच्चों की वास्तविक सूचना प्राप्त हुई। अब अन्य शैक्षिक बोर्ड से कदम ताल मिलाने के लिए मदरसा शिक्षा परिषद में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी कोर्स को शामिल किया गया है।
अल्पसंख्यक कल्याण, वक्फ व बुधवार को अल्पसंख्यक कल्याण
एवं वक्फ विभाग की अपर मुख्य सचिव मोनिका एस गर्ग के नेतृत्व में इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में
मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि एआई की शिक्षा में निवेश आने वाली पीढ़ियों में किया गया निवेश है। मदरसे के बच्चों को इस नई तकनीक की जानकारी मिलने पर वे विश्वस्तरीय कालेजों में एडमिशन के लिए खुद को तैयार कर पाएंगे। उन्होंने बताया कि मदरसों को मुख्य धारा में जोड़ने के लिए उप्र अशासकीय अरबी और फारसी मदरसा मान्यता प्रशासन एवं सेवा विनियमावली- 2016 में संशोधन किया गया। शैक्षिक सत्र 2017 से मदरसों में शिक्षण का माध्यम उर्दू के साथ-साथ हिन्दी और अंग्रेजी में किया गया। इससे उर्दू में उपलब्ध न होने वाली पुस्तकों का संकट हिन्दी और अंग्रेजी
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी का प्रशिक्षण अध्यापकों को दिया जाएगा। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी की जानकारी देने के लिए विषय विशेषज्ञों की मदद से 22 वीडियो बनाए गए हैं। ने दूर कर दिया।
प्रदेश में मदरसे
एक नजर में
16513 कुल मदरसे
560 मदरसे राज्य से अनुदानित
121 मदरसों में मिनी आईटीआई 1275 मदरसे कम्प्यूटर से लैस
7442 मदरसे बुक बैंक, विज्ञान किट व गणित किट से लैस
वर्ष 2018-19 में मदरसा पोर्टल का गठन