अद्भुत कला का धनी है ये स्कूल टीचर! इनके पास पढ़ाने की हैं खास शैली, देखें VIDEO
सनन्दन उपाध्याय/ बलिया.शिक्षकों के पढ़ाने के तरीके के बारे में तो अपने तमाम सुना होगा. लेकिन आज हम एक ऐसे शिक्षक के बारे में जिसको देख और सुन आप भी हैरान रह जाएंगे. हम बात कर रहे है जिले के गड़वार शिक्षा क्षेत्र अंतर्गत सरकारी प्राथमिक विद्यालय के सहायक प्रधानाचार्य शंकर रावत की. जो अपने पढ़ाने के भिन्न-भिन्न शैलियों के कारण काफी मशहूर है. यही नहीं इनको इस शैली के लिए एक नहीं बल्कि तमाम पुरस्कार से पुरस्कृत भी किया जा चुका है. इनके पढ़ाने की कार्यशैली ही कुछ ऐसी है कि बच्चों को स्कूल आने पर मजबूर कर देती है.
सहायक प्रधानाचार्य शंकर रावत ने बताया कि मैं सबसे पहले परिवेश को पढ़ने के साथ ही बच्चों के मन को पढ़ने का प्रयास करता हूं. तत्पश्चात अंग्रेज़ी और हिंदी के कविताओं को स्वयं के द्वारा लयबद्ध करना, भोजपुरी धुनों पर गणित व विज्ञान के सूत्र व सिद्धांतों को ढालना, विज्ञान पढ़ाने हेतु प्रयोग पर बल देना और मॉनिटरिंग प्रणाली व निदानात्मक शिक्षण का प्रयोग करना आदि. तमाम शैलियों के द्वारा बच्चों में शिक्षा का विस्तार करता हूं. कारणवश आसानी से बच्चों को हर चीज समझ में आ जाता है.
विद्यालय में आने के लिए बच्चे हो जाते हैं मजबूर
शंकर रावत के पढ़ाने की शैलियो से बच्चे काफी प्रभावित रहते हैं. यहां तक की बच्चे स्कूल आने के लिए खुद तत्पर हो जाते हैं. रावत जी ने कहा कि शिक्षा देने की जो बात है. वह यही सफल हो जाती है. जब बच्चे खुद स्कूल आने को तत्पर हो जाते हैं. आगे उन्होंने कहा कि कई मां-बाप तो स्कूल में आकर यह पूछते हैं कि मेरे बेटे को आपने क्या कर दिया है कि रात में जब भी नींद खुलती है. तो हमें स्कूल जाना है यह बात बच्चों के जुबान पर होती है.
मशहूर शिक्षक को मिल चुके हैं कई पुरस्कार
पढ़ाने के विभिन्न शैलियों के लिए शंकर रावत को राज्य स्तरीय पटकथा लेखन, प्रतियोगिता यूपी टैलेंट हंट लखनऊ मेंयूपी गौरव रत्न का पुरस्कार, योग रत्न सम्मान का पुरस्कार, उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान और अभी-अभी मिला राज्य अध्यापक पुरस्कार जैसे अनेको पुरस्कार से पुरस्कृत किया जा चुका है.
विद्यार्थियों की उपलब्धियां
ब्लाॅक स्तर पर विज्ञान क्विज, पेन्टिंग प्रतियोगिता सड़क सुरक्षा क्विज में जनपद और मण्डल स्तर हेतु पुरस्कार, आयुष्मान भारत फाउण्डेशन में मण्डल व राज्य स्तरीय प्रतिभा खोज परीक्षा में चार बच्चे पुरस्कृत, योग की विभिन्न प्रतियोगिताओं में बलिया , लखनऊ, प्रयागराज, सन्त कबीर नगर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा व G20 लखनऊ में भी यहां के बच्चें पुरस्कृत हो चुके हैं.