लखनऊ, । प्रदेश के विभिन्न जिलों में अवैध मदरसों को खंड शिक्षा अधिकारियों की ओर से नोटिस दिए जाने पर विवाद छिड़ गया है।
नोटिस पर खुद अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने ही गहरी आपत्ति जता दी है। बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन आने वाले इन खंड शिक्षा अधिकारियों ने अपनी निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर यह नोटिस जारी किया है।दरअसल, बेसिक शिक्षा विभाग के खंड शिक्षा अधिकारियों ने कई जिलों में बिना मान्यता चल रहे अवैध मदरसों को नोटिस जारी कर दिया। इसमें तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगा गया। मसलन, गिलौला (श्रावस्ती) के खंड शिक्षा अधिकारी ने मदरसा दारूल उलूम मसऊदिया फैजाने गरीब नवाज सौरया को भेजी नोटिस में कहा कि उनके द्वारा निरीक्षण के समय 96 छात्र उपस्थित पाए गए, लेकिन मदरसा की मान्यता से संबंधित कोई भी उचित अभिलेख प्रस्तुत नहीं किया गया। इसी तरह खंड शिक्षा अधिकारी खतौली (मुजफ्फरनगर) ने मदरसा तालीम उल कुरान को इसी माह भेजी गई दूसरी नोटिस में कहा है कि कार्यालय में उपलब्ध अभिलखों के आधार पर आपके विद्यालय को मान्यता विहीन पाया गया है। नोटिस में अनिवार्य एवं बाल शिक्षा अधिनियम 2009 की धारा 18(5) के तहत दंड के प्रावधान भी जिक्र किया है।
इस अधिनियम में कहा गया है कि कोई भी विद्यालय जिसे सक्षम अधिकारी द्वारा मान्यता प्रदान नहीं की गई है, उसे न तो स्थापित किया जाए और न ही संचालित किया जाए।