प्रयागराज। ट्रिपलआईटी के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा एप तैयार किया है जिससे यह मालूम हो जाएगा किस ग्रामसभा में क्या बुनियादी जरूरत है अथवा किस गांव में कहां पर प्राथमिक स्कूल और शौचालय बनना है। ट्रिपलआईटी के वैज्ञानिकों ने इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान) के प्रोजेक्ट के तहत यह एप (जीईओ-जीपी असिस्टेंट एप) तैयार किया है। जीआईएस की मदद से बने एप को संस्थान के वैज्ञानिकों ने इसरो को भेज दिया है।
संस्थान के आईटी विभाग के प्रो. वृजेंद्र सिंह ने बताया कि सरकारी योजनाएं बनने और क्रियान्वित होने तक जटिल प्रक्रियाओं से गुजरती हैं। सर्वे और चिह्नांकन की प्रक्रिया में लंबा वक्त लग जाता है। इस एप की मदद से इन कार्यों को शीघ्रता से क्रियान्वित किया जा सकेगा। प्रो. सिंह ने बताया कि शीर्ष स्तर (मंत्रालय या विभाग) पर बनने वाली योजनाएं समयबद्ध और सही ढंग से क्रियान्वित हों इस कार्य में यह एप बहुत मददगार होगा।
जीआईएस (ज्योग्राफिकल इन्फार्मेशन सिस्टम) की मदद से यह नया एप सूचना देने में सक्षम है कि किसी गांव में कहां स्कूल बनना है, अथवा गांव के विकास की बुनियादी जरूरतें क्या हैं, कहां शौचालय की जरूरत है।
खास बात यह है कि इस एप से आप जिस भी भाषा में प्रश्न करेंगे, उसी भाषा में आपको जवाब मिलेगा। इस एप में सरकार की ग्राम पंचायत से जुड़े कार्यों के सभी नियम को भी अपलोड किया गया है। प्रो. सिंह ने अपने पांच शोधार्थियों के सहयोग से काफी कम समय में ‘जीईओ-जीपी असिस्टेंट एप’ को तैयार किया है।