प्रयागराज, । सरकारी सहायता प्राप्त श्री विश्वनाथ संस्कृत महाविद्यालय कोरांव के नौ फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति निरस्त कर दी गई। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान में दो नवंबर को ‘संस्कृत कॉलेज में कर दी नौ शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति’ शीर्षक से खबर प्रकाशित होने के बाद शासन स्तर से पूछताछ शुरू हो गई। जिस पर जिला विद्यालय निरीक्षक पीएन सिंह ने छह नवंबर को तदर्थ शिक्षकों की नियुक्ति निरस्त करते हुए तथाकथित प्रबंधक आनंद कुमार केसरी को आदेश दिया है कि शिक्षकों को जो वेतन भुगतान हुआ है उसे तत्काल राजकोष में जमा कराना सुनिश्चित करें।
शिक्षकों अखिल त्रिपाठी, आयुषी श्रीवास्तव, कुलदीप सिंह, सुभाष चन्द्र, सच्चिनानंद त्रिपाठी, महेन्द्र कुमार मिश्र, प्रशांत मिश्र, नरेन्द्र प्रसाद तिवारी और चन्द्रशेखर सिंह से अनियमित भुगतान की वसूली की जाएगी। महाविद्यालय में प्रबंधकीय विवाद के कारण 2020 से कोई प्रबंध समिति अस्तित्व में न होने के बावजूद तथाकथित प्रबंधक आनंद कुमार केसरी ने दो सितंबर 2021 को अप्रचलित समाचार पत्रों में नौ शिक्षकों की नियुक्ति का विज्ञापन प्रकाशित कराते हुए गुपचुप तरीके से 16 अक्तूबर 2021 को चयन कर लिया। जबकि एडेड संस्कृत महाविद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से अनुमोदन के बाद प्रबंध समिति करती है। यही नहीं 31 मार्च 1977 के शासनादेश में महाविद्यालय में प्रधानाचार्य के एक और अध्यापक व सहायक अध्यापक के तीन-तीन कुल सात पद ही स्वीकृत है। लेकिन नौ शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति कर दी गई। इन नौ शिक्षकों में से एक ऐसे की भी नियुक्ति हुई थी जो कुछ समय पहले तक डीआईओएस कार्यालय में अवैध रूप से बाबुओं का काम करता था।