यूपी में कक्षा एक से 8 तक के दिव्यांग बच्चों की एक दिन की परीक्षा होगी। सरल ऐप के माध्यम से दिव्यांग बच्चों का आकलन किया जाएगा। यह परीक्षा ओएमआर (आपटिकल मार्क रिकॉग्निशन) पर आधारित एक प्रकार का आंकलन होगा। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस एक दिनी परीक्षा में केवल गणित एवं भाषा की ही परीक्षा ली जाएगी। शैक्षणिक वर्ष के अन्त में मार्च या अप्रैल के पूर्व होने वाली इस एक दिनी परीक्षा में प्रदेश भर के तीन लाख दिव्यांग बच्चे भाग लेंगे।
बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रदेश में पहली बार दिव्यांग बच्चों के लिए अलग से परीक्षा कराने का निर्णय किया है। विभाग ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। विभाग की ओर से इसके लिए जिला एवं ब्लाक स्तर पर टीमें बनाई जा रही हैं जो इस परीक्षा की जिला स्तर और ब्लाक स्तर पर मानीटरिंग करेंगे। इसके साथ ही इनको राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा उचित प्रशिक्षण भी दिया जाएगा ताकि दिव्यांग बच्चों को एक बेहतर वातावरण उपलब्ध कराते हुए उनके मानसिक एवं बुद्धिमस्ता स्तर की जांच की जा सके।
समर्थ पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में प्रदेश में कक्षा एक से कक्षा 8 तक के दिव्यांग बच्चों की संख्या 3,00,000 के करीब है। विभाग का मानना है कि यह परीक्षा दिव्यांग बच्चों के वास्तविक सीखने की स्थिति की जांच के लिए आयोजित की जायेगी ताकि दिव्यांग बच्चों की उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप सामान्य स्तर पर अवसर प्रदान किया जा सके। स्कूल शिक्षा महानिदेशालय की ओर से इस संबंध में विद्यालय स्तर पर भी तैयारियां करने के निर्देश दिए गए हैं।