प्रयागराज में पहले माध्यमिक और फिर बेसिक के शिक्षकों की पेंशन की रकम के निवेश को लेकर बड़ी अनियमितता सामने आई है जिसका खुलासा आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने शृंखलाबद्ध तरीके से किया। जिसके बाद प्रदेशभर के शिक्षकों की नींद टूटी है और वह अपनी पेंशन का हिसाब मांगने लगे हैं।
गुरुवार को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (चंदेल गुट) ने प्रदेशभर में सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को ज्ञापन सौंपकर एनपीएस का हिसाब मांगा। चंदेल गुट के प्रदेश मंत्री डॉ. दिनेश सिंह राणा ने कहा कि कुछ जिलों का मामला सामने आ गया है और कुछ जगह अभी दबा हुआ है। इसे भी उजागर कर छात्रों के पैसों का हिसाब मांगा जाएगा।
उधर प्रयागराज में परिषदीय और अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों के एनपीएस खाते से फंड का मनमाने तरीके से निवेश करने के मामले में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण कुमार तिवारी ने जांच का आदेश दिया है।
बीएसए की तरफ से वित्त एवं लेखाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि वह शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के एनपीएस खाते में निवेशित रकम को बिना उनकी अनुमति के डिफाल्ट फंड से किसी अन्य फंड में 100 प्रतिशत स्थानांतरित किए जाने की जांच अपने स्तर से कराएं। जांच में दोषी मिले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों को सूचित करें। अन्यथा की स्थिति में किसी भी पकार की शिथिलता पर पूरी जिम्मेदारी वित्त एवं लेखाधिकारी की होगी।
बेसिक के शिक्षकों को पदोन्नति जल्द
बेसिक शिक्षा परिषद से संचालित विद्यालयों में तैनात शिक्षक और शिक्षिकाओं की पदोन्नति प्रक्रिया चल रही है। इस बीच सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल ने सभी जिलों के बीएसए को निर्देश दिया है कि अपने जिलों के पात्र शिक्षिकाओं और शिक्षकों की सूची प्रत्येक दशा में निर्धारित पोर्टल पर ऑनलाइन अपलोड कर दें। 22 नवंबर को पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। जिन जिलों की निर्धारित समय सीमा के अंदर सूची अपलोड नहीं होती है और पदोन्नति प्रक्रिया बाधित होती है, तो संबंधित जिले के बीएसए की पूरी जिम्मेदारी होगी।