सहारनपुर, । सहारनपुर के मदरसे में अमानवीयता की हदें पार की गई हैं। इंसान बनाने के नाम पर मदरसे के एक बच्चे को जंजीरों में बांधकर पीटे जाने के मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मदरसे के कारी समेत दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया। मामले में आरोप है कि बच्चे को खाना तक नहीं दिया गया। बच्चा किसी तरह मदरसे से भाग निकला था जिसके बाद जानकारी मिलने पर पुलिस ने कार्रवाई की।
मामला थाना तीतरों क्षेत्र के मोहम्मदपुर का है। गांव निवासी रामकुमार के घेर में एक 10 साल का बच्चा जंजीरों से जकड़ा हुआ मिला। ग्रामीणों ने बच्चे से बात की तो उसने बताया कि वह पड़ोस के ही एक गांव का रहने वाला है। उसके पिता बिहार में फेरी का काम करते हैं। जबकि, उसकी मां उसे मदरसे में छोड़ गई थी। इस बात की सूचना जैसे ही पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को हुई तो खलबली मच गई। तुरंत ही एसडीएम नकुड़ और सीओ गंगोह को मामले की जांच करने के लिए मौके पर भेजा गया। अधिकारियों की टीम गांव बालू में पहुंची और मामले की जांच की।
बच्चे ने बताई आपबीती टीम बच्चे और उसके परिजनों को लेकर थाना तीतरों की महिला हेल्प डेस्क पर पहुंची। जहां पर पुलिस ने बच्चे की काउंसलिंग की और बच्चे से पूरी बात पहुंची। बच्चे ने बताया कि उसे मदरसे में पढ़ाई करने के लिए भेजा गया था। जबकि, वह पढ़ाई नहीं करना चाहता था। जिस कारण वहां से भाग गया था। इसके बाद उसके छोटे दादा अरशद उसे मदरसे में लेकर पहुंचे। जहां पर कारी तनवरी उर्फ इस्तकार ने बच्चे को जंजीरों से बांधा और उसके साथ मारपीट की। शौच करने के बहाने से बच्चा वहां से निकला था। पुलिस ने जांच की तो बच्चे के शरीर पर चोट के निशान थे। इसके बाद चौकी इंचार्ज बहलोलपुर थाना तीतरों भोले शंकर गौतम की तहरीर पर पुलिस ने अरशद और तनवरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।