कानपुर देहात,
बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय स्कूलों में अगले माह से तकनीकि आधारित उपस्थिति के साथ कागज रहित लेखा-जोखा तैयार होगा। विभाग की ओर से सूबे के सात जनपदों में 20 नंवबर से टैबलेट के जरिए कार्मिकों सहित बच्चों की उपस्थिति दर्ज कराने के साथ अब तक संचालित हो रहे 12 रजिस्टर डिजिटल रुप में प्रयोग में लाएं जाएंगे।
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बीते दिवस स्कूली शिक्षा महानिदेशक ने सभी जनपदों के बीएसए को जारी निर्देश में साफ किया कि परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों कार्मिकों की उपस्थिति के साथ प्रयोग में लाए जा रहे कई रजिस्टर डिजिटल रुप में प्रयोग किए जाएंगे। 20 नंवबर से लखनऊ,श्रावस्ती,लखीमपुर खीरी सहित सात जनपदों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत प्रक्रिया शुरु होने के बाद 1 दिसंबर से सभी जनपदों में तकनीकि आधारित उपस्थिति दर्ज करने के साथ संचालित 12 रजिस्टर डिजिटल किए जाएंगे। इनमें कार्मिक उपस्थिति,बच्चों की उपस्थिति,पत्र व्यवहार पंजिका,आय-व्यय पंजिका,चेक इश्यू पंजिका,एमडीएम,प्रवेश पंजिका,बाल गणना सहित सभी रजिस्टर प्रेरणा पोर्टल पर डिजिटल रजिस्टर के नाम पर एक विकसित माड्यूल में परिवर्तित किए जाएंगे। स्कूलों में जियो फेसिंग किए जाने के कारण ऑनलाइन उपस्थिति स्कूल परिसर में लगाई जा सकेगी। जियो फेसिंग तकनीकि भौगोलिक रुप से आभासी सीमा परिभाषित करती है। इस कारण इसकी सीमा के अंदर ही उपस्थिति सहित अन्य ब्योरा दर्ज किया जा सकता है। नई व्यवस्था में शिक्षकों को दिन में दो बार उपस्थिति दर्ज करनी होगी। स्कूल खुलने पर व स्कूल बंद होने पर इसमें समय सीमा भी निर्धारित की गई है। गर्मियों में 1 अप्रैल से 30 सिंतबर तक सुबह 7:45 बजे से आठ बजे तक स्कूल बंद होने के समय दो से ढ़ाई बजे तक। वहीं एक अक्टूबर से 31 मार्च तक सुबह 8:45 से नौ बजे तक स्कूल बंद होने पर सवा तीन बजे से साढ़े तीन बजे तक निर्धारित समय सीमा बीतने के बाद उपस्थिति दर्ज नहीं हो सकेगी। विभाग के तकनीकि आधारित प्रयोग के बाद शिक्षकों की लेटलतीफी पर अंकुश लगने के साथ शिक्षण गुणवत्ता बेहतर होने का दावा किया जा रहा है।