सोचनीय 🥲 जिले के अंदर स्थानांतरण के 2017 से फॉर्म भराया जा रहा हैं लेकिन आज तक स्थानांतरण नहीं हो पाया?
2016 में प्रमोशन हुआ था उसके बाद अब तक और फ़रवरी 2023 से आदेश जारी होने के बाद शिक्षको की प्रमोशन लिस्ट बन रही हैं (आज तक) 22 नवम्बर 2023 तक नहीं बन पाई जबकि 22 नवंबर को स्कूल आवंटन होना था, जो कि नहीं हुआ?
इसका जिम्मेदार कौन है?
सबसे बड़ी बात आज तक किसी सक्षम अधिकारी द्वारा न किसी भी अधिकारी कि कोई जिम्मेदारी तय की गई, न ही आज तक इस मामले पर गूगल मीट ली गई।
2018 से अपने फोन से अपने पैसे के डेटा से बेसिक शिक्षा विभाग की पूरी फीडिंग हम शिक्षकों ने की है इसके लिए किसी भी प्रकार का शिक्षक को विभाग द्वारा धन्यवाद कहना तो दूर की बात, बल्कि लगातार निरीक्षण कराकर शिक्षक को कामचोर साबित करने का विभाग लगातार प्रयास कर रहा है, आज जो भी बेसिक के पास डाटा है वह सब शिक्षकों ने अपने मोबाइल से, अपने पैसे के डेटा से विभाग को दिया है, विभाग की बड़ी-बड़ी डेटा फीडिंग का करोड़ों रुपया शिक्षकों ने बचाया है।
लेकिन शिक्षकों ने एक दिन जियोफेसिंग से आनलाइन हाजिरी नहीं भेजी तो सभी वरिष्ठ अधिकारियों को गुस्सा आ है।
इसी तरह सोचिए कि शिक्षकों में कितना गुस्सा होगा 🤔
खुद सोच लीजिए कि आपको और आपके मुद्दों को किस पायदान पर विभाग द्वारा जगह दी जा रही है और साथ ही साथ आपकी प्रताड़ना और शोषण को कितना शीर्ष स्थान मिल चुका है ।
*अभी भी नहीं जगे, तो सोते ही रह जाओगे*
सभी शिक्षक तय कर ले……
जब तक विभाग आपके प्रमोशन और जिले के अंदर स्थानांतरण मुद्दे पर कोई काम नहीं करता है तब तक केवल विद्यालय में आप सब लोग मनोयोग से पढ़ाईये, कोई भी विभागीय काम न करिए, चाहे जितने आदेश पर आदेश आ जाएं।
विभाग निरीक्षण के नाम पर ज्यादा परेशान करने की सोचेगा, तो विद्यालय में तालाबंदी की जाएगी और बी.आर.सी. पर प्रतिदिन धरना प्रदर्शन किया जाएंगा।
कुछ ARP और शिक्षक संकुल आपको डिजिटाइजेशन के लिए फोन करें तो उनको भी आप मना कर दीजिए
पहले प्रमोशन और जिले के अंदर स्थानांतरण उसके बाद कोई काम।
बहुत-बहुत धन्यवाद