प्रयागराज : उच्च शिक्षा निदेशालय में लंबित कार्यों को निर्धारित समय में निस्तारित करने के लिए शुरू किया गया लेटर मानिटरिंग सिस्टम कुछ महीने में ही ठप हो गया। निदेशालय की वेबसाइट में इसके लिए बनाए गए ब्लाक के अधिकतर कालम खाली हैं। शिकायतों का निस्तारण नहीं हो रहा है। निगरानी करने वाले अधिकारी भी इसके प्रति उदासीन हैं। इसमें अब नए मामले भी दर्ज नहीं किए जा रहे हैं।
उच्च शिक्षा निदेशालय में नियुक्ति, अनुमोदन, अनुज्ञा, पदोन्नति, वेतन निर्धारण, जीपीएफ, पेंशन आदि के तमाम मामले लंबित है। लंबित मामलों के निस्तारण में लापरवाही बरती जा रही है। महाविद्यालय शिक्षणेत्तर कर्मचारी परिषद की ओर से कई बार इस मुद्दे को उठाया गया। संगठन के पदाधिकारियों ने इसकी शिकायत उच्च शिक्ष मंत्री से भी की थी। उसके बाद मार्च में लेटर मानिटरिंग सिस्टम शुरू किया गया। लेटर मानिटरिंग सिस्टम नाम से पोर्टल बना। इसमें कर्मियों से जुड़े नवीन पेंशन, पेंशन पुनरीक्षण, जीपीएफ, वेतन निर्धारण, मृतक आश्रित, अनुज्ञा,अनुमोदन, वेतन भुगतान, चिकित्सा प्रतिपूर्ति, स्वैच्छिक परिवार कल्याण, एनओसी, अवकाश, स्थायीकरण, एकल स्थानांतरण, विदेश जाने की अनुमति आदि के मामले अगल-अलग दर्ज करने की व्यवस्था बनाई गई।
पोर्टल में दर्ज शिकायत का निस्तारण देखने का भी विकल्प बनाया गया, लेकिन यह थोड़े दिन ही चल सका। लेटर मानिटरिंग सिस्टम में डिग्री सेवा से एक भी मामले का निस्तारण नहीं हुआ है। डिग्री अर्थ एक (एडेड विद्यालय के कर्मियों से जुड़े) से एक और अर्थ दो (वेतन निर्धारण) से तीन मामले निस्तारित किए गए।
इसके अलावा जीपीएफ के 10 और पेंशन के पांच मामले निस्तारित हुए हैं। समस्याओं का निस्तारण न होने के कारण प्रदेश भर के कर्मियों को निदेशालय के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। महाविद्यालय शिक्षणेत्तर कर्मचारी
परिषद के अध्यक्ष सत्येंद्र कुमार सोलंकी ने बताया कि निदेशालय के अफसरों और कर्मियों की लापरवाही लेटर मानिटरिंग सिस्टम फेल हो गया है। इसे सक्रिय न किया गया तो वह निदेशालय में प्रदर्शन करेंगे