प्रयागराज, । प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के लगभग दस हजार एवं परिषदीय शिक्षकों को पुरानी पेंशन मिलने की उम्मीद जगी है। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह और अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने बुधवार को ऐसे शिक्षकों की सूचना मांगी है जिनकी नियुक्ति का विज्ञापन तो उत्तर प्रदेश में एक अप्रैल 2005 को राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) लागू होने से पहले आया था लेकिन नियुक्ति बाद में हो पाई थी।
केंद्र सरकार ने एक जनवरी 2004 जबकि उत्तर प्रदेश ने एक अप्रैल 2005 से एनपीएस लागू किया था। पिछले साल 28 जुलाई को तत्कालीन केंद्रीय विधि मंत्री किरन रिजुजू ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में कहा था कि केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, विभागों एवं कार्यालयों में एक जनवरी 2004 के पूर्व विज्ञापित पदों पर बाद में नियुक्ति पाने वाले कार्मिकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने के निर्देश दिए गए हैं। उसके बाद कई राज्यों ने भी ऐसे कर्मचारियों को लाभ दिया। यूपी में लंबित रहा। माशिसं ठकुराई गुट के प्रदेश महामंत्री लालमणि द्विवेदी व एकजुट के संरक्षक डॉ. हरि प्रकाश यादव का कहना है कि ऐसा होने पर प्रदेश के 4512 एडेड कॉलेजों में टीजीटी 2002, 2003 व 2004 के माध्यम से नियुक्त तकरीबन दस हजार शिक्षकों के अलावा परिषदीय शिक्षकों को भी लाभ मिलेगा।
विशिष्ट बीटीसी के 40 हजार शिक्षकों में ऊहापोह
सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल की ओर से जारी आदेश में लिखा है कि विशिष्ट बीटीसी 2004 में नियुक्त शिक्षकों को छोड़कर सूचना दी जाए। इसके चलते इस भर्ती में नियुक्त 40 हजार शिक्षकों में भ्रम की स्थिति है। इन शिक्षकों ने हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पुरानी पेंशन की लड़ाई लड़ी है। कुछ लोगों का मानना है कि विशिष्ट बीटीसी 2004 के शिक्षकों की सूचना विभाग के पास पहले से इसलिए नहीं मांगी गई जबकि कुछ लोग सशंकित हैं कि विभाग पुरानी पेंशन नहीं देना चाहता। वैसे इन्हें बाहर किया गया तो एक बार फिर कानूनी लड़ाई शुरू हो जाएगी।