प्रयागराजः इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती मामले में उप्र परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) के सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी को आदेश का पालन करने के लिए 48 घंटे की मोहलत दी है। साथ ही सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद के अधिवक्ता को भी इस मामले में अगली सुनवाई पर नियुक्ति संबंधी कार्य की प्रगति के बारे में जानकारी देने के लिए कहा है। हाई कोर्ट ने यह भी पूछा है कि सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी को भेजे गए पत्र पर क्या कार्रवाई की गई है ?
आदेश जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने कई अभ्यर्थियों की ओर से दाखिल अवमानना याचिकाओं में अधिवक्ता अनुराग त्रिपाठी और राहुल कुमार मिश्र को सुनकर दिया है। प्रकरण में अगली सुनवाई 21 नवंबर को होगी। कोर्ट ने सचिव
बेसिक शिक्षा परिषद को पक्षकार बनाने की अनुमति दी। जस्टिस रोहित ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद राज्य सरकार ने याचियों को एक नंबर नहीं दिया। कोर्ट ने अनुपालन रिपोर्ट मांगी थी किंतु आदेश का पूर्णतया पालन नहीं किया गया। इस पर आदेश का पालन करने के लिए कोर्ट ने 48 घंटे का समय दिया है।
यह है मामला
इस भर्ती परीक्षा के एक प्रश्न के उत्तर
को गलत ठहराते हुए अभ्यर्थियों ने उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) सचिव की उत्तरकुंजी को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने गलत उत्तरकुंजी जारी किए जाने पर उन याची अभ्यर्थियों को एक अंक देकर मेरिट में शामिल करने का आदेश 25 अगस्त 2021 को दिया था, जो एक अंक से मेरिट से बाहर हो गए थे। इस आदेश के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी, लेकिन वहां 11 नवंबर 2022 को उसकी याचिका खारिज हो गई। हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा। इसके बाद पीएनपी सचिव ने याची अभ्यर्थियों से प्रत्यावेदन लेकर सत्यापन किया तो 2249 अभ्यर्थी पात्र मिले। इनकी सूची सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को मार्च 2023 में भेज दी गई थी।
सचिव बेसिक शिक्षा परिषद से भी हाई कोर्ट ने मांगी जानकारी
• परिषदीय स्कूलों में 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती का मामला