लखनऊ, । नई पेंशन स्कीम (एनपीएस) की पासबुक किसी को दी नहीं अब अधिकारी कह रहे पासबुक दिखाओ। सलाह दे रहे हैं कि अपने एनपीएस खाते का रखरखाव शिक्षक और कर्मचारी खुद करें। डीएआईओएस ने हाल ही में प्रधानाचार्यों को जारी पत्र में कहा है कि एनपीएस की पासबुक का खुद रखरखाव करें। इस पर शिक्षक संघ ने सख्त आपत्ति जताई है। शिक्षक नेताओं का कहना है कि एनपीएस का तो शिक्षकों यहां तक की स्कूलों के पास कोई रिकॉर्ड ही नहीं है तो रखरखाव किसका करेंगे।
एनपीएस कटौती की राशि को जिला विद्यालय निरीक्षक की आईडी पर निजी बैंकों में बिना अनुमति के जमा करने का बवाल थमा नहीं रहा है।
सिर्फ कुल मौजूद राशि देखने का ही प्रावधान
शिक्षक नेता सोहन लाल वर्मा ने कहा कि एनपीएस मामले में सही से जांच हुई तो ये अब तक का सबसे बड़ा घोटाला निकलेगा। उन्होंने कहा कि प्रान संख्या से सिर्फ ये देखा जा सकता है कि सम्बंधित शिक्षक-कर्मचारी के खाते में कितनी राशि है। उसे शासन द्वारा निर्देशित बैंकों में निवेश किया गया है कि मिलीभगत से बाबुओं ने किसी निजी बैंक में निवेश किया है ये नहीं पता चल सकता।