उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के परिषदीय विद्यालयों में परीक्षाओं का अजब-गजब हाल है। शनिवार से प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शनिवार से अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं शुरू हो रहीं हैं लेकिन पेपर और कॉपी का पता भी नहीं है। परिषद ने न प्रश्न पत्र छपवाए हैं और न ही उत्तर पुस्तिकाएं मिली हैं। साथ ही विद्यालयों के हेड मास्टर और खण्ड शिक्षा अधिकारियों को अपने स्तर से परीक्षाएं कराने के निर्देश दे दिए हैं।
प्राइमरी स्कूलों में चार नवम्बर से मौखिक परीक्षाएं और छह नवम्बर से लिखित परीक्षाएं होनी हैं। लेकिन प्राइमरी स्कूलों की अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं का ये हाल है कि अब प्रश्न पत्र की फोटो कॉपी करा के परीक्षाएं संचालित की जाएगी और विद्यालय स्तर पर ही कॉपियों का भी इंतजाम किया जाएगा। प्राइमरी स्कूलों के हेड मास्टर और शिक्षक परिक्षाएं को अपने स्तर से संचालित किए जाने को लेकर परेशान हैं। पिछली वार्षिक परीक्षा में शिक्षकों ने अपनी जेब से पैसे लगाकर परीक्षा करायी थी। उसका भुगतान भी नहीं किया है। एक और परीक्षा का जोखिम शिक्षक नहीं उठाना चाहते।
प्रशासन का पक्ष
विद्यालयों को अपने स्तर से परीक्षाएं संचालित करने के निर्देश दिए गए है। परीक्षा के मद में जो खर्च आएगा उसका भुगतान प्रधानाध्यापकों को बाद में किया जाएगा। जल्द ही समस्या का समाधान किया जाएगा। अरुण कुमार,
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
आरोप अपनी जेब से पैसा दे रहे हैं शिक्षक
प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष सुधांशु मोहन का कहना है कि शिक्षकों पर दबाव बनाकर परीक्षा कराने के निर्देश दिए गए हैं। अर्द्धवार्षिक परीक्षा संचालित करने के लिए विभाग की ओर से बजट जारी नहीं किया गया है। वहीं प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री वीरेंद्र सिंह ने कहा कि अब ये पैसा शिक्षकों के अपनी जेब से देना पड़ रहा है।