मुसाफिरखाना / अमेठी। अक्टूबर माह के अंतिम सप्ताह में परिषदीय विद्यालयों में मध्याहन भोजन ग्रहण करने वाले बच्चों की संख्या 60 फीसदी से कम होने के मामले में बीएसए की ओर से जारी नोटिस और शिक्षकों के विरुद्ध पूर्व में दर्ज की गयी प्रतिकूल प्रविष्टियों को वापस लेने के मामले में पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को एक बड़ा पत्र लिखा हैं। पत्र में कहा गया हैं कि स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम होने के लिए केवल शिक्षको को जिम्मेदार न माना जाय भादर और तिलोई विकास खंड के शिक्षकों के विरुद्ध पूर्व में की गयी प्रतिकूल
प्रविष्टियों को समाप्त करने के लिए कार्यवाही शीघ्र पूर्ण करने का अनुरोध किया गया हैं।
मध्याहन भोजन योजना के अंतर्गत आईवीआरएस प्रणाली पर दर्ज छात्र छात्राओं की संख्या के आधार पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने 988 विद्यालयों को नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा गया हैं कि सभी स्कूल एक सप्ताह के भीतर खंड शिक्षाधिकारी के माध्यम से अपना स्पष्टीकरण दें और छात्र उपस्थिति में अपेक्षित सुधार करें अन्यथा की स्थिति में कठोर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ ने अपने पत्र में कहा है कि आईवीआरएस प्रणाली से दर्ज छात्र संख्या के आंकड़े त्रुटिपूर्ण हैं 123 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक की छात्र संख्या के आधार पर नोटिस जारी की गयी है। 23 और 24 को दशहरा का अवकाश था। 28 को वाल्मीकि जयंती का अवकाश था। इसी बीच मूर्ति विसर्जन भी हुआ हैं। केवल तीन दिन शिक्षण कार्य हुआ हैं। दशहरे के अवकाश के कारण बच्चों की संख्या कम हुई हैं। प्रेरणा पोर्टल पर छात्रों के जो नाम और संख्या अंकित हैं। सितम्बर महीने में उनमे बहुत परिवर्तन हुआ है। बड़ी संख्या में बच्चों के नाम खारिज हुए हैं। जो पोर्टल पर नहीं दिख रहे हैं। शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत वर्णित प्रावधानों में स्कूलों में बच्चों की कम उपस्थिति के लिए शिक्षक जिम्मेदार नहीं हैं। पत्र में कई शासनादेशों का विस्तृत उल्लेख करते हुए संघ ने छात्र छात्राओं के न्यून उपस्थिति के लिए शिक्षकों पर किसी भी तरह कार्रवाई न करने की मांग की हैं। इसके साथ ही विकास खंड तिलोई और भादर के शिक्षकों के विरुद्ध पूर्व में दर्ज की गयी प्रतिकूल प्रविष्टियाँ वापस लेने को कार्यवाही शीघ्र पूर्ण करने की मांग की गयी हैं। पत्र पर जिलाध्यक्ष अब्दुल रसीद, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जय राम कनौजिया और रमाकांत मौर्य के हस्ताक्षर हैं।
जिले के सभी शिक्षक पूरी निष्ठा और ईमानदारी से अपना काम करते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी और शासन के निर्देशों का शत प्रतिशत अनुपालन कर रहें हैं। त्योहारों के मौके पर केवल तीन दिन विद्यालय खुलने की स्थिति में कम उपस्थिति को आधार बनाकर शिक्षकों पर कार्रवाई न्याय संगत नहीं हैं । संगठन ने अपना पक्ष रखते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी को वस्तु स्थिति से अवगत कराया हैं । शिक्षकों की भावनायें आहत होने पर हम माननीय न्यायालय की शरण में जा सकते हैं। –
अब्दुल रसीद
जिलाध्यक्ष
पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ, अमेठी