आजमगढ़। आईआईटी के विशेषज्ञ प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूल भवनों की जांच करेंगे। आईआईटी रुड़की, कानपुर और बीएचयू के आईआईटियंस को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। इनमें एमएनएनआईटी प्रयागराज, एचबीटीआई कानपुर, एमएमएम गोरखपुर, बीआईईटी झांसी और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के विशेषज्ञों की भी मदद ली जाएगी।
आईआईटियंस की टीम सभी जिलों में विद्यालयों का मूल्यांकन करने के बाद 15 दिन के भीतर राज्य परियोजना कार्यालय को रिपोर्ट उपलब्ध कराएगी। एक जिले में एक टीम कम से कम 15 विद्यालयों की जांच करेगी। इसके लिए महानिदेशक स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक विजय किरन आनंद ने सभी संस्थाओं के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के हेड ऑफ डिपार्टमेंट को पत्र लिखा है। टीम तीन साल के भीतर बनाए गए स्कूल भवनों की गुणवत्ता खंगालेगी। स्कूलों में कराए गए निर्माण कार्यों के मूल्यांकन के साथ राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा निर्धारित मानक, विशिष्टता, डिजाइन आदि की जांच की जाएगी। विशेषज्ञ भवनों में प्रयुक्त सामग्री, नींव की माप, बीम, छत का तकनीकी परीक्षण करेंगे।
गड़बड़ी पर होगी कार्यदायी संस्थाओं पर कार्रवाई
आईआईटी के विशेषज्ञों की जांच के बाद तीन साल के भीतर बने स्कूल भवनों में हुए निर्माण कार्यों में बड़ी गड़बड़ी सामने आने पर कार्रवाई भी की जा सकती है। निर्माणाधीन भवनों में गड़बड़ी मिलने पर भुगतान रोकने की कार्रवाई की जा सकती है।
तीन साल के भीतर निर्मित स्कूल भवनों की आईआईटी के विशेषज्ञों से जांच कराने को लेकर महानिदेशक स्कूल शिक्षा का पत्र आया है। औसत लागत संबंधी वित्तीय प्रस्ताव भी उपलब्ध कराएगी।-मनोज कुमार मिश्र, एडी बेसिक