• 52,836 स्कूलों में हर महीने
• लगाई जा रही पाठशाला
ढंग से होमवर्क कराने और विभिन्न गतिविधियों का ज्ञान
सरकारी प्री-प्राइमरी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों की माताओं को पढ़ाने का गुर सिखाया जा रहा है। वह किस तरह खेल-खेल में बच्चों को घर पर ज्ञान दें और उनका होमवर्क पूरा करा सकें इसके लिए हर महीने उनकी पाठशाला लगाई जा रही है। माता उन्मुखीकरण कार्यक्रम 52,836 स्कूलों में चलाया जा रहा है। हर महीने के अंतिम सप्ताह में माताओं को स्कूल आमंत्रित कर उन्हें शिक्षक
यह सबकुछ बता रहे हैं। विद्यालयों में माताओं को समझाया जा रहा है कि वह किस
तरह बच्चों को खेल-खेल में सिखा सकती हैं। घर की वस्तुओं व अन्य सामग्रियों के माध्यम से किस तरह पढ़ाया जा सकता है और उन्हें भाषा का ज्ञान किस तरह देना है, यह सब समझाया जा रहा है। छोटे बच्चे यानी तीन वर्ष से छह वर्ष तक की आयु के बच्चों का सबसे अधिक भावनात्मक लगाव अपनी मां से होता है। ऐसे में इस प्रथम
शिक्षिका को प्रशिक्षित कर विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास की कोशिश की जा रही है। वर्तमान शैक्षिक सत्र में प्रत्येक महीने बैठक में माताओं को जलपान व अन्य सुविधाएं देने के लिए पांच-पांच सौ रुपये की धनराशि दी गई है। 52,836 प्री प्राइमरी स्कूलों को कुल 21 करोड़ रुपये दिए गए हैं। महानिदेशक, स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने बताया कि माताओं से खुली बातचीत कर बच्चों को पढ़ाई में आ रही कठिनाई के बारे में जानकारी ली जा रही है। फिलहाल इसका मकसद बच्चों की पढ़ाई में शुरुआत से ही नींव को मजबूत करना है।