लखनऊ, । 69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा के एक अंक विवाद मामले में याची सुरंगमा शुक्ला की अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सख्त रुख अपनाते हुए, स्पष्ट किया है कि यदि अगली सुनवाई तक राज्य सरकार की ओर से रिट कोर्ट के आदेश पर अपीलीय अदालत का कोई आदेश अथवा अनुपालन शपथ पत्र नहीं दाखिल होता तो कोर्ट सम्बंधित अधिकारियों के खिलाफ अदालत के आदेश की अवमानना करने के आरोप तय करेगी।
इस चेतावनी के साथ न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के 22 नवम्बर की तिथि नियत की है। न्यायालय ने अगली सुनवाई पर सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी और सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को कोर्ट के समक्ष पुन हाजिर होने का भी आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने सुरंगमा शुक्ला की याचिका पर दिया है।
याची का कहना है कि भर्ती परीक्षा के शैक्षिक परिभाषा के एक प्रश्न पर एक अंक बढ़ाते हुए मेरिट कट ऑफ गुणांक के अनुसार अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का आदेश पारित किया गया था। इस आदेश के विरुद्ध सरकार ने उच्चतम न्यायालय में अपील दायर किया था लेकिन 9 नवंबर 2022 को अपील खारिज हो गई। बावजूद इसके रिट कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किया जा रहा है।