प्रयागराज | ऑनलाइन टास्क के जाल में फंसकर करेली निवासी शिक्षक अनुभव श्रीवास्तव ने 69 लाख रुपये गंवा दिए। साइबर अपराधियों ने टेलीग्राम के जरिये अलग-अलग चैट ग्रुपों में जोड़कर पहले टास्क देकर फर्जी रिवार्ड दिए। इसके बाद प्रीपेड टास्क के नाम पर अलग-अलग खातों में रकम जमा करा ली। साइबर थाना पुलिस रिपोर्ट दर्ज कर जांच में जुटी है।
पीड़ित चौक स्थित इंटर कॉलेज में बतौर शिक्षक तैनात हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि सितंबर में उनके पास व्हाट्सएप के जरिये एक अज्ञात नंबर से मैसेज आया। इसमें लिखा था कि पैसा कमाना है तो टास्क पूरा करिए। उन्हें एक टेलीग्राम आईडी से जुड़ने के लिए कहा गया। वहां हेमलता नाम से बनी आईडी से उन्हें एक टास्क ग्रुप में जोड़ा गया।
टास्क के लिंक पर क्लिक करने पर इंस्टाग्राम पेज खुल गया। इसे फॉलो कर स्क्रीनशॉट टुनटुन3434 टेलीग्राम आईडी पर भेजना ही टास्क था। इस तरह से कई टास्क कराए गए। साथ ही बताया गया कि टास्क से हुई कमाई उनके लॉगिन अकाउंट में जमा हो रही है, जिसे बाद में निकाला जा सकेगा।
प्रीपेड टास्क का झांसा देकर जमा कराई रकम
टास्क के दौरान ही उन्हें प्रीपेड टास्क का झांसा दिया गया। इसमें एक हजार रुपये का पेमेंट कराकर आईडी, पासवर्ड दिया गया। इसमें एडवांस पेमेंट पर एक कोड मिलता था, जिसे बताने पर प्रीपेड टास्क बीटीसी को क्लिक करने का ऑप्शन आता था। इसमें क्रिप्टोकरेंसी को खरीदना था और उसी समय फायदा या नुकसान बता दिया जाता था। इस तरह से अलग-अलग बार में उनसे रकम खातों में जमा कराई गई। फिर अकाउंट फ्रीज होने समेत अन्य का झांसा देकर 69 लाख जमा करा लिए गए। 21 सितंबर से 17 अक्तूबर तक रकम जमा कराई गई। रुपये वापस करने के लिए अब नौ लाख रुपये और मांग रहे हैं। पीड़ित ने साइबर थाने में शिकायत की, जिसके आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई। सीओ साइबर थाना अतुल यादव ने बताया कि मोबाइल नंबर की डिटेल निकलवाई जा रही है।
घर बैठे रुपये कमाने के झांसों से रहें सावधान
सीओ साइबर थाना अतुल यादव बताते हैं कि ऑनलाइन धोखाधड़ी में टास्क के नाम पर होने वाले साइबर अपराध आजकल बहुतायत में हो रहे हैं। इसमें साइबर ठग पहले आपको घर बैठे कमाई का झांसा देकर टास्क पूरा करने को कहते हैं। यह टास्क लाइक, शेयर से लेकर फॉलो तक हो सकता है। वह यह भी बताते हैं कि टास्क पूरा करने पर उन्हें पैसे मिलेंगे जो उनके लॉगिन अकाउंट में जमा होते जाएंगे और वह जब चाहें इस रकम को निकाल सकते हैं। वास्तव में ऐसा कुछ नहीं होता, बल्कि यह एक फर्जी अकाउंट होता है, जिसमें रकम बढ़ती हुई दिखाई जाती है। इस तरह से लोग साइबर ठग के झांसे में आ जाते हैं