भारत सरकार ने नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) में कुछ बदलाव किए हैं। जो भी कर्मचारी एनपीएस में शामिल हैं, उन्हें अपनी जमा राशि निकालने के लिए अब ज्यादा विकल्प मिलेंगे।
ऐसे कर्मचारी एकमुश्त प्रत्याहरण (एसएलडब्ल्यू) के माध्यम से मासिक, तिमाही, छमाही या सालाना आधार पर उनकी सामान्य निकासी के समय, उनके चयन के अनुसार, 75 वर्ष की आयु तक अपने पेंशन फंड का 60 फीसदी हिस्सा निकाल सकते हैं।
पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) द्वारा पिछले दिनों जारी एक परिपत्र में उक्त जानकारी दी गई है। मौजूदा निकासी दिशानिर्देशों के अनुसार, अभिदाता साठ वर्ष की आयु या सेवानिवृत्ति के बाद वार्षिकी की सुविधा को और एकमुश्त राशि के प्रत्याहरण की प्रक्रिया को 75 वर्ष की आयु तक, किसी भी युग्म में स्थगित कर सकते हैं। एकमुश्त राशि को एकल किश्त में या वार्षिक आधार पर निकाला जा सकता है। यदि वार्षिक आधार पर राशि को निकाला जाता है, तो अभिदाता को प्रत्येक बार निकासी अनुरोध शुरू कर उसे अधिकृत करना होगा।
पीएफआरडीए (एनपीएस के तहत निकास और प्रत्याहरण) विनियम 2015 के विनियम 3 और विनियम 4 व उसमें हुए संशोधनों के अनुसार, व्यवस्थित एकमुश्त प्रत्याहरण (एसएलडब्ल्यू) के माध्यम से एकमुश्त राशि के चरणबद्ध प्रत्याहरण का विकल्प प्रदान करने का प्रस्ताव है। अभिदाताओं को एसएलडब्ल्यू के माध्यम से आवधिक रूप में अर्थात मासिक, त्रैमासिक, छमाही या वार्षिक आधार पर उनकी सामान्य निकासी के समय उनके चयन के अनुसार, 75 वर्ष की आयु तक, अपने पेंशन कोष का साठ फीसदी हिस्सा निकालने की अनुमति दी गई है।
पीएफआरडीए ने अपने सभी नोडल कार्यालयों से कहा है कि वे इस संबंध में प्वाइंट्स ऑफ प्रेजेंस, एनपीएसटी और कॉरपोरेट, अपने उन संबद्ध अभिदाताओं को एसएलडब्लू के बारे में सूचित कर सकते हैं, जो साठ वर्ष की आयु में हों या सेवानिवृत्त हो रहे हों। ऐसे कर्मचारी, अगर एनपीएस से निकासी की योजना बना रहे हैं, तो उन्हें उक्त परिपत्र से अवगत कराएं।