● विषय विशेषज्ञों ने पहली बार तय किया लर्र्निंग आउटकम
● अंग्रेजी, गणित और विज्ञान में माहवार पाठॺक्रम का किया गया विभाजन
● महानिदेशक ने डायट प्राचार्यों और डीआईओएस को भेजा पत्र
छात्रों के साथ शिक्षक के लिए भी गाइडलाइन
लर्निंग आउटकम में छात्रों के लिए लक्ष्य निर्धारित करने के साथ ही शिक्षकों के लिए भी गाइडलाइन दी गई है। उदाहरण के तौर पर शिक्षक कक्षा दस अंकगणित पाठ में आधारभूत प्रमेय करके विरोधाभास से किसी अपरिमेय संख्या को सिद्ध करना सिखाएंगे। इसके बाद छात्र विरोधाभास से अपरिमेय संख्याओं को ज्ञात एवं सिद्ध करने में सक्षम होंगे। कक्षा दस विज्ञान में शिक्षक वैज्ञानिकों तथा उनके कार्यों के परिणामों के बारे में प्रिंट एवं गैर प्रिंट सामग्री के माध्यम से अवधारणाओं के विकास को समझाएंगे। इसके बाद विद्यार्थी वैज्ञानिक अविष्कारों और निष्कर्षों के बारे में समझ लेते हैं, जैसे मेंडल की अनुवांशिकता की संकल्पना को समझना, परमाणु मॉडल का विकास आदि।
प्रयागराज, प्रमुख संवाददाता। यूपी बोर्ड के स्कूलों में अध्ययनरत कक्षा नौ व दस के 50 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को पहली बार सीखने का लक्ष्य मिलेगा। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के विशेषज्ञों ने लर्निंग आउटकम (सीखने के प्रतिफल) का निर्धारण किया है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने अंग्रेजी, गणित व विज्ञान विषयों के लर्निंग आउटकम सभी डायट प्राचार्य और डीआईओएस को छह नवंबर को भेजकर उसके अनुरूप कक्षा शिक्षण एवं मूल्यांकन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अनुशंसाओं के क्रम में कक्षा नौ से 12 तक के लिए लर्निंग आउटकम तैयार किए जा रहे हैं। इसकी जरूरत इसलिए बताई गई है ताकि स्कूलों में सीखने की गुणवत्ता बढ़ाई जा सके और शिक्षकों को इस योग्य बनाया जा सके कि वे सभी विद्यार्थियों के लिए सीखने के कौशलों को ज्यादा उपयुक्त रूप से सुनिश्चित कर सकें और सुधारात्मक कदम उठा सकें। छात्रों के सीखने की प्रगति की बेहतर जानकारी के लिए नियमित और रचनात्मक आकलन प्रणाली को अपनाते हुए इसमें विश्लेषण, तार्किक क्षमता और सैद्धांतिक स्पष्टता के आकलन के लिए लर्निंग आउटकम अनिवार्य है। विशेषज्ञों ने पूरे पाठ्यक्रम को माहवार विभाजित किया है, ताकि उसके अनुरूप शिक्षण कार्य हो सके।