69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती मामले से जुड़े 19 हजार सीटों पर हुए चयन में एकल पीठ के फैसले को आरक्षण के मुद्दे पर चुनौती देने वाली विशेष अपीलों पर अब इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में चार दिसंबर से रोजाना सुनवाई होगी। सोमवार को यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने दिया। एक पक्षकार के वकील अमित सिंह भदौरिया ने बताया कि कोर्ट ने रोजाना सुनवाई का आदेश पक्षकारों के वकीलों के संयुक्त आग्रह पर दिया।
दरअसल, मामले में खुद को आरक्षण पीड़ित बताने वाले 13 अभ्यर्थियों ने एकल पीठ के बीते 13 मार्च के फैसले को दो न्यायाधीशों की खंडपीठ के समक्ष विशेष अपील दायर कर चुनौती दी है। इनका कहना है कि इस भर्ती में 19,000 सीटों पर आरक्षण का घोटाला हुआ है। बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 और आरक्षण नियमावली 1994 का उल्लंघन कर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की इस भर्ती में ठीक तरह से ओवरलैपिंग नहीं कराई गई है, जो गलत है।
अभ्यर्थियों के गुणांक, कैटेगरी, सब कैटेगरी आदि को छिपाकर जिला आवंटन सूची के आधार पर भर्ती प्रक्रिया को संपन्न कर दिया गया। यह पूरी तरह से गलत है। राज्य सरकार ने इस भर्ती की मूल चयन सूची आज तक जारी नहीं की। जबकि प्रत्येक भर्ती की एक मूल चयन सूची जारी की जाती है। इसमें अभ्यर्थियों के गुणांक, कैटेगरी, सब कैटेगरी आदि दर्शाया जाता है। इसे विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किया जाता है लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग ने ऐसा नहीं किया।
अपीलकर्ताओं का कहना है कि गत 13 मार्च को एकल पीठ ने फैसले में राज्य सरकार को इस भर्ती की पूरी सूची को सही करने के लिए तीन माह का समय दिया था, जो पूरा हो चुका है।
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