लखनऊ, नई पेंशन नीति के विरोध में शिक्षक से लेकर कर्मचारी संगठन तक अब एक मंच पर आते जा रहे हैं। मंगलवार को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ व शिक्षक विधायकों ने एनपीएस (नई पेंशन योजना) से संबंधित शिक्षकों के धन को निजी बैंकों में जमा कराए जाने के खिलाफ संयुक्त रूप से मोर्चा खोलने का ऐलान किया।
हालांकि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष सुरेश कुमार त्रिपाठी, शिक्षक विधायक ध्रुव कुमार त्रिपाठी, नरेन्द्र कुमार वर्मा ने इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हस्तक्षेप का अनुरोध भी किया। साथ ही पत्र लिखकर नवीन पेन्शन योजना से संबंधित शिक्षकों की धनराशि को निजी बैकों में जमा कराये जाने के दोषी व्यक्तियों के विरुद्व कठोर कार्रवाई किए जाने की मांग भी की। दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (एकजुट) ने जिम्मेदार अधिकारियों से शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन से की जा रही एनपीएस कटौती की सूची मांगी है। साथ ही सरकार से एनपीएस घोटाले की जांच एसआईटी से कराने की मांग की है।
शिक्षक संघ (एकजुट) के प्रदेश अध्यक्ष सोहन लाल वर्मा ने बताया कि 25 जिलों में वर्ष 2005 के बाद से नियुक्त शिक्षक व कर्मचारियों को एनपीएस का लाभ मिल रहा है। इनके प्रान खाते में प्रति माह 10 प्रतिशत स्वयं के वेतन से व 14 प्रतिशत राज्यांश मिलाकर कुल 24 प्रतिशत की धनराशि प्रति माह की दर से खाते में जमा की जानी चाहिये।