बाराबंकी। शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन मामले में यदि कोई भी कार्यवाही विभाग द्वारा उनके विरुद्ध की जाती है तो वह अव्यवहारिक होगी। इस बाबत कल उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री अरुणेंद्र कुमार वर्मा के नेतृत्व में जिला शिक्षा अधिकारी संतोष देव पाण्डेय से मिलकर उन्हें एक मेमोरेंडम भी सौंपा। मेमोरेंडम में कहा गया है कि महानिदेशक द्वारा जारी आदेश में पायलट प्रोजेक्ट के तहत पहले सात जनपदों में लखनऊ भी शामिल था, जिसे हटाकर
बाराबंकी को शामिल किया गया है। चूंकि ऑनलाइन उपस्थिति में खामियां ही खामियां हैं इसलिए ऑनलाइन उपस्थिति ना देने की स्थिति में शिक्षकों के विरुद्ध किसी प्रकार की भी कार्यवाही नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा कम उपस्थित बताकर शिक्षकों के वेतन को भी अवरुद्ध ना किया जाए। कई कई वर्षों से शिक्षकों की तमाम समस्यायों का गुणवत्तापूर्ण निराकरण नहीं किया जा रहा है। शिक्षक हित में विभाग द्वारा कोई भी निर्णय लेने में कई-कई वर्ष लग जाते हैं। लेकिन जब शिक्षकों से कोई भी कार्य लेना होता है तो उसे चुटकी बजाते ही अमली जामा पहनाने के लिए विभाग द्वारा हर सम्भव सारी कोशिशें जारी हो जाती हैं।