नई पेंशन स्कीम (एनपीएस) की पासबुक किसी को दी नहीं अब अधिकारी कह रहे पासबुक दिखाओ। सलाह दे रहे हैं कि अपने एनपीएस खाते का रखरखाव शिक्षक और कर्मचारी खुद करें।
डीएआईओएस ने हाल ही में प्रधानाचार्यों को जारी पत्र में कहा है कि एनपीएस की पासबुक का खुद रखरखाव करें। इस पर शिक्षक संघ ने सख्त आपत्ति जताई है। शिक्षक नेताओं का कहना है कि एनपीएस का तो शिक्षकों यहां तक की स्कूलों के पास कोई रिकॉर्ड ही नहीं है तो रखरखाव किसका करेंगे। एनपीएस कटौती की राशि को जिला विद्यालय निरीक्षक की आईडी पर निजी बैंकों में बिना अनुमति के जमा करने का बवाल थमा नहीं रहा है। डीआईओएस ने सभी प्रधानाचार्य और लिपिक को निर्देश दिया है कि सभी अपनी एनपीएस पासबुक का रखरखाव करें और शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों से एनपीएस कटौती की धनराशि को कहां निवेश किया गया है, इसकी आख्या मांगी है।
माध्यमिक शिक्षक संघ, संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सोहनलाल वर्मा ने बताया कि डीआईओएस आहरण-वितरण अधिकारी है। एनपीएस कटौती संबंधित सभी जानकारी इनके सिस्टम में रहती है। शिक्षक अंश और राज्यांश का कितना पैसा कहां जमा हुआ, यह शिक्षक को भला कैसे पता हो सकता है। यह कार्य तो जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से होता है। ऐसे में शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारी से यह आख्या मांगना पूरी तरह से गलत है। सोहन लाल वर्मा ने कहा कि एनपीएस की पासबुक अभी तक किसी भी शिक्षक और कर्मचारी को मिली ही नहीं है। ऐसे में एनपीएस पासबुक के रखरखाव की जिम्मेदारी की बात बेईमानी है।
सिर्फ कुल मौजूद राशि देखने का ही प्रावधान
शिक्षक नेता सोहन लाल वर्मा ने कहा कि एनपीएस मामले में सही से जांच हुई तो ये अब तक का सबसे बड़ा घोटाला निकलेगा। उन्होंने कहा कि प्रान संख्या से सिर्फ ये देखा जा सकता है कि सम्बंधित शिक्षक- कर्मचारी के खाते में कितनी राशि है। उसे शासन द्वारा निर्देशित बैंकों में निवेश किया गया है कि मिलीभगत से बाबुओं ने किसी निजी बैंक में निवेश किया है ये नहीं पता चल सकता