लखनऊ, । फर्जी पेंशन खाते खोलकर कलेक्ट्रेट कोषागार (ट्रेजरी) में तैनात महिला लेखाकार (एकाउंटेंट) ने 1.42 करोड़ रुपये पार कर दिए। अपने रिश्तेदारों के नाम फर्जी पीपीओ खाते खोले और वर्षों से पारिवारिक पेंशन जारी करती रही। पेंशन फाइल में जीवन प्रमाण पत्र गायब मिलने पर जांच हुई तो गबन का खुलासा हुआ। कोषाधिकारी राहुल सिंह ने लेखाकार रेणुका राम समेत पांच के खिलाफ कैसरबाग कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है।
डालीगंज कुतुबपुर निवासी रेणुका राम पत्नी अनिल कुमार 27 मार्च 1998 से लेखाकार पद पर तैनात हैं। मूलरूप से सिद्धार्थनगर के नौगढ़ निवासी रेणुका जवाहर भवन स्थित कोषागार से सम्बद्ध हैं। 15 सितंबर 2014 को रेणुका को पंजाब नेशनल बैंक में जाने वाली पेंशन की जिम्मेदारी सौंपी गई। फिर 20 जून 2017 से इण्डियन ओवरसीज बैंक से जुड़े पेंशन मामलों की जिम्मेदारी भी सौंपी गई। सक्षम अधिकारी के पद पर रहते हुए रेणुका ने फर्जी कागजों के आधार पर पेंशन पेमेंट ऑर्डर तैयार किए। कैसरबाग खटिकाना निवासी विशाल, गुलभी और रामरती के साथ ही कैसरबाग मोहल्ला पीरजलील निवासी प्रतींद्र कश्यप के खातों में पेंशन और पारिवारिक पेंशन के मद में करीब एक करोड़ 42 लाख 39 हजार रुपये जमा कराए गए।
कोषाधिकारी राहुल सिंह ने विशाल के जीवन प्रमाण पत्र की रिपोर्ट मांगी तो पता चला कि पेंशन की तो कोई फाइल ही नहीं बनी है। इसके बाद जांच में पता चला कि विशाल के नाम से दो पेंशन जा रही थी। पेंशन खाते में दर्ज पते पर इस नाम का कोई व्यक्ति नहीं मिला। विभागीय जांच हुई तो पता चला कि रेणुका कुमार विशाल की चचेरी मौसी हैं। वह मूलत महाराजगंज के मिश्रौलिया का रहने वाला है। गुलाभी देवी विशाल की मां और रामरती नानी हैं।