एटा। बेसिक शिक्षा विभाग में गलत तरीके से उर्दू शिक्षक बने बर्खास्त तीन लोगों को उच्च न्यायालय से भी झटका लगा है। न्यायालय ने पूर्व में दिया गया अपना स्थगनादेश निरस्त करते हुए बहाल करने से इंकार किया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी के निर्णय को ही मान्य किए जाने की बात कही है।
बेसिक शिक्षा विभाग में भर्ती के दौरान तीन व्यक्तियों ने उर्दू शिक्षक के रूप में तैनाती पाई थी। शिकायतकर्ता समी अनवर ने तीनों फर्जी तरीके से नौकरी पाने को लेकर शिकायत की। इस मामले की कई स्तर पर हुई जांच के बाद तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय सिंह द्वारा 31 मई को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। संबंधित शिक्षकों द्वारा जवाब नहीं दिया गया या फिर दिए गए जवाब से संतुष्ट न होने की स्थिति में 30 जून 2023 को उनकी सेवा समाप्ति की कार्रवाई कर दी गई। दो लिपिकों के विरुद्ध भी नियुक्ति संबंधित अभिलेख गायब होने की एफआईआर दर्ज कराई गई।
इसके बाद उच्च न्यायालय पहुंचे बर्खास्त शिक्षकों ने 9 अगस्त 2023 को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के आदेश पर स्थगनादेश प्राप्त कर लिया। न्यायालय में शिकायतकर्ता की ओर से भी अपना पक्ष रखा गया। न्यायमूर्ति मनजीत शुक्ला ने अब शिक्षकों द्वारा बहाल किए जाने के अनुरोध को अस्वीकार करते हुए पूर्व में दिए गए स्थगनादेश को भी निरस्त कर दिया। निर्देश दिए हैं कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के स्तर से जारी निर्णय ही मान्य होगा। बीएसए ने बताया कि अभी आदेश नहीं मिला है। मिलने पर न्यायालय के आदेश के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।