प्रयागराज : न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) की धनराशि निर्धारित तीन बीमा कंपनियों से हटाकर निजी कंपनियों में लगाने का खेल मिलीभगत से किया गया है। अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों के उन शिक्षक व कर्मचारियों की एनपीएस की धनराशि निजी बीमा कंपनी में लगाई गई है, जिनके प्रान खाते में ज्यादा धनराशि थी। इतना ही नहीं, कुछ जिलों में शिक्षकों की धनराशि दूसरे जिले में लागिन कर हस्तांतरित की
गई है। अभी 25 जिलों में बिना संबंधित शिक्षक व कर्मचारी की सहमति लिए एनपीएस की धनराशि निजी बीमा कंपनियों में लगाए जाने का मामला सामने आया है। चूंकि अधिकांश के प्रान खाते का लागिन पासवर्ड जिला विद्यालय निरीक्षकों के पास है, इसलिए गड़बड़ी की अंगुली भी उन्हीं पर उठ रही है। तकनीकी रूप से दक्ष शिक्षक व कर्मचारियों ने अपने पासवर्ड बदल लिए हैं, इसलिए उनके प्रान खाते की धनराशि निर्धारित तीन बीमा कंपनियों में ही है। इसके अलावा जिनके लागिन पासवर्ड जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालयों में हैं, वहां धनराशि निजी बीमा कंपनी में लगाने का काम किया गया। मामले में जिला विद्यालय निरीक्षकों ने अपने स्तर से संबंधित पटल सहायकों से से पूछताछ की है, जिसमें यह बात सामने आई है कि निजी बीमा कंपनियों के एजेंटों ने पटल सहायकों के साथ मिलकर प्रान खातों को खोलवाया। जिनके खाते में धनराशि ज्याद थी, वही निजी बीमा कंपनी में स्थानांतरित कर दी गई। कुछ जिलों में यह काम वे तिथियों में किया गया। बड़ी संख्या में पीड़ित शिक्षकों ने जिला विद्यालय निरीक्षकों को आवेदन देकर मांग की है कि उनकी धनराशि वापस पुरानी बीमा कंपनी में मंगाई जाए। इस संबंध में कुछ जिला विद्यालय निरीक्षकों ने निजी बीमा कंपनी को पत्र भी लिखे हैं।