गाजियाबादा। अब जिले के परिषदीय स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति अगर 40 फीसदी से कम पाई गई तो शिक्षकों का वेतन रोक दिया जाएगा। उपस्थिति बढ़ाने के लिए सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को आदेश जारी कर दिए गए हैं। इसका उद्देश्य स्कूलों में आने वाले छात्रों की कम हो रही संख्या को बढ़ाना है।
जिले में कुल 446 प्राथमकि, उच्च प्राथमकि व कंपोजिट स्कूल हैं। इन स्कूलों में वर्तमान में 93 हजार से अधिक बच्चे पंजीकृत हैं, मगर स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति लगभग 60 फीसदी ही रहती है। ज्यादा से ज्यादा बच्चों को स्कूल भेजा जा सके, इसके लिए सरकार विभिन्न स्तरों पर कार्य कर रही है। इसके लिए विभिन्न योजनाएं भी चलाई जा रही हैं। इसके बाद भी स्कूलों में पंजीकृत बच्चों के मुकाबले कम बच्चे स्कूल पहुंचते हैं। जिले के कई परिषदीय स्कूलों में ऐसे हालात हैं कि आधे बच्चे भी स्कूल नहीं पहुंचते। शासन ने स्कूलों की रिपोर्ट को देखते हुए उपस्थिति बढ़ाने के आदेश दिए हैं। शासनादेश में कहा गया है कि जिस स्कूल में बच्चों की महीने में औसत उपस्थिति 40 फीसदी से कम होगी उन स्कूलों के शिक्षकों का वेतन रोका जाएगा। अगले माह बच्चों की उपस्थिति का प्रतिशत बढ़ने पर ही शिक्षकों का वेतन जारी किया जाएगा। यदि अगले माह भी उपस्थिति कम रहेगी तो उस माह भी वेतन जारी नहीं होगा।
शिक्षा विभाग के आदेश के बाद भी लापरवाही बरत रहे शिक्षक
शिक्षा विभाग ने पहले भी सभी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के आदेश दिए थे। इसके बाद भी शिक्षकों ने इसके लिए कोई पहल नहीं की। अब शासन के आदेश पर शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके बाद भी लापरवाही बरतने पर शिक्षकों का वेतन रोकने की कार्रवाई की जाएगी।
स्कूलों का औचक निरीक्षण कर होगी जांच
स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति जानने के लिए समय-समय पर स्कूलों का औचक निरीक्षण भी किया जाएगा। स्कूल में बच्चे कम पाए जाने पर प्रधानाचार्य को स्पष्टीकरण देना होगा। स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं पाए जाने पर प्रधानाचार्य समेत शिक्षकों पर भी शासन के आदेशानुसार कार्रवाई होगी। स्कूलों को हर माह बच्चों की उपस्थिति की रिपोर्ट भी अनिवार्य रूप से उपलब्ध करानी भी रहेगी।
कुल पंजीकृत बच्चे
ब्लॉक कुल पंजीकृत बच्चे
मुरादनगर 10168
रजापुर 14267
भोजपुर 14885
लोनी 27293
नगर 24381
(इसमें बिना आधार स्कूलों में पढ़ाई कर रहे बच्चे शामिल नहीं हैं)
वर्जन
स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए सभी प्रधानाचार्यों को आदेश जारी कर दिए हैं। लापरवाही बरतने पर वेतन रोकने की कार्रवाई की जाएगी। स्कूलों को हर माह रिपोर्ट उपलब्ध करानी होगी, जो शासन को भेजी जाएगी।
– ओपी यादव, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी।