भोपालः मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में डाक मतपत्रों के जरिये हुए बंपर मतदान ने भाजपा व कांग्रेस की धड़कनें बढ़ा दी हैं। दरअसल, इस बार डाक मतपत्र से अधिकारियों और कर्मचारियों ने 96 प्रतिशत मतदान किया है। इस चुनाव में मतदान ड्यूटी में लगे कर्मचारियों के कितने मत किस दल को मिले, यह तो तीन दिसंबर को मतगणना के बाद ही सामने आएगा, लेकिन पिछले चुनाव की तरह इस बार भी अधिकारियों और कर्मचारियों के मतों की चुनाव परिणाम में निर्णायक भूमिका हो सकती है। ओल्ड पेंशन स्कीम के वादे से कांग्रेस उत्साहित है। चुनाव ड्यूटी में लगे तीन लाख, 34 हजार, 354 में से तीन लाख, 23 हजार अधिकारियों-कर्मचारियों ने डाक मतपत्र से मतदान किया है। 11 हजार, 354 ने डाक मतपत्र जारी होने के बाद भी वोट नहीं डाले। 51 हजार, 259 बुजुर्ग और 12 हजार, 93 दिव्यांगों ने घर से मतदान किया है। इसी तरह 75 हजार, 382 सेवा मतदाताओं को डाक मतपत्र दिए गए हैं। इनके मतों की गणना डाकमत पत्रों के साथ होगी।
2018 के चुनाव में कांग्रेस को मिले थे अधिक वोटः वर्ष 2018 के चुनाव परिणामों के अनुसार डाक मतपत्रों में 45.61 प्रतिशत कांग्रेस, 40.16 प्रतिशत भाजपा, 4.42 प्रतिशत बसपा, 3.82 प्रतिशत निर्दलीय और बाकी अन्य दलों के उम्मीदवारों को मिले थे। वर्ष 2018 के चुनाव में कांग्रेस को भाजपा की तुलना में अधिकारियों-कर्मचारियों के अधिक वोट मिले थे। कांग्रेस को एक लाख, 31 हजार 24 अधिकारियों- कर्मचारियों ने वोट दिया था।
कांग्रेस-भाजपा ने बुक किए तीन चार्टर प्लेन
राब्यू, रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस और भाजपा के बीच मुकाबला कांटे का नजर आ रहा है। दोनों ही पार्टियां अपने बहुमत का दावा जरूर कर रही हैं, लेकिन उन्हें इस बात का डर भी सता रहा है कि जीत का आंकड़ा अगर बहुमत के आसपास पहुंचकर अटका तो विधायकों को तोड़ने की रणनीति ना अपना ली जाए। ऐसे में अपने विधायकों को एकजुट रखने के लिए उन्होंने अभी से तीन चार्टर प्लेन बुक कर रखे हैं, ताकि ऐसी स्थिति बनने पर वे उन्हें संपर्क से दूर रखने के लिए यहां से तुरंत रवाना कर सकें।