लखनऊ, । माध्यमिक शिक्षकों ने पुरानी पेंशन और तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं समाप्ति के आदेश की बहाली की मांग पर गुरुवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशालय पर धरना दिया। शिक्षकों ने कहा कि सरकार एनपीएस के भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच कराए। दोषी अफसर-कर्मचारी को जेल भेजे। शिक्षा निदेशक माध्यमिक महेंद्रदेव ने धरना स्थल पर आकर शिक्षकों से सात सूत्री ज्ञापन लिया। उन्होंने समस्याओं के जल्द निस्तारण का आश्वासन दिया। नाराज तदर्थ शिक्षकों ने सरकार विरोधी नारे लगाए।
शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष चेत नारायण सिंह, महामंत्री राम बाबू शास्त्रत्त्ी के नेतृत्व में दो दिन से शिक्षा निदेशालय में धरने पर बैठे शिक्षकों ने लंबित मांगों के लिए नारेबाजी की। प्रांतीय संरक्षक, एमएलसी राज बहादुर सिंह चंदेल ने कहा कि सरकार कर्मचारी विरोधी नीति अपना रही है। शिक्षक उत्पीड़न सहन नहीं करेंगे। सरकार जल्द पुरानी पेंशन बहाल करे। सरकार की गलत नीतियों से तदर्थ शिक्षक, वित्तविहीन शिक्षक परेशान हैं। प्रदेश अध्यक्ष चेत नारायण सिंह ने कहा कि तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं समाप्ति का नौ नवम्बर का आदेश सरकार वापस लेकर पुरानी व्यवस्था लागू करे। पुरानी पेंशन शिक्षक और कर्मचारियों का हक है। इसे संघर्ष के दम पर वापस लेंगे। प्रांतीय संयोजक आईटी सेल संजय द्विवेदी ने कहा कि डीआईओएस कार्यालय में भ्रष्टाचार चरम पर है। धरने में लवकुश मिश्रा, मेजर डॉ. देवेंद्र सिंह, नरसिंह बहादुर सिंह, महेश राम, रामानन्द द्विवेदी समेत सैकड़ों शिक्षक शामिल हुए।
ये हैं संघ की मांगें
● पुरानी पेंशन बहाल की जाए।
● माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्त तदर्थ शिक्षकों की सेवा समाप्ति का आदेश बहाल किया जाए।
● एनपीएस की अधिसूचना से पूर्व के विज्ञापनों पर नौकरी पाए कर्मियों को पुरानी पेंशन की सुविधा मिले।
● विषय विषेशज्ञों को ओपीएस में लिया जाय।
● सरकारी कर्मचारियों की तरह माध्यमिक शिक्षकों को चिकित्सा सुविधा मुहैया करायें।
● वेतन, परीक्षा और मूल्यांकन अवशेषों का भुगतान किया जाए।
● शिक्षा निदेशालय के बाहर मांगों के समर्थन में धरना● शिक्षा निदेशक माध्यमिक ने ज्ञापन लेकर दिया भरोसा