प्रयागराज। प्रवक्ता पद के समान वेतन, भत्ते और पेंशन प्राप्त कर रहे पुस्तकालयाध्यक्षों के बीच बंटने के लिए आए एरियर के आठ करोड़ रुपये उच्च शिक्षा निदेशालय ने वापस कर दिए हैं। निदेशालय की ओर से शासन को पहले ही आख्या भेजी जा चुकी है कि जिन महाविद्यालयों में पुस्तकालय विज्ञान की पढ़ाई नहीं होती है, वहां पुस्तकालयाध्यक्ष को प्रवक्ता के समान सुविधाएं नहीं दी जा सकतीं।
दरअसल, विवाद सेवानिवृत्ति की आयु को लेकर शुरू हुआ था। पुस्तकालयाध्यक्ष की सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष और प्रवक्ता की सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष निर्धारित
है। कई महाविद्यालयों में पुस्तकालयाध्यक्षों को प्रवक्ता मानते हुए उन्हें 62 वर्ष में सेवानिवृत्त किया गया और प्रवक्ता पद के समान पेंशन का भुगतान किया जा रहा है। कई कॉलेजों तो 60 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद भी पुस्तकालयाध्यक्ष कार्यरत हैं और उन्हें प्रवक्ता के समान वेतन एवं भत्ते दिए जा रहे हैं।
मामला जब सामने आया तो शासन स्तर से निदेशालय से जवाब तलब कर लिया गया कि पुस्तकालयाध्यक्षों को जो
से पुराने आदेश का हवाला देते हुए कहा गया कि जिन कॉलेजों में पुस्तकालय विज्ञान की पढ़ाई नहीं होती हैं, वहां पुस्तकालयाध्यक्ष को प्रवक्ता नहीं माना जा सकता है।
अतिरिक्त वेतन, भत्ते और पेंशन का शासन ने इस मसले पर निदेशालय से आख्या भी मांगी थी। निदेशालय की ओर से शासन को आख्या भेजी जा चुकी है। इस बीच जिन पुस्तकालयाध्यक्षों को प्रवक्ता के समान सुविधाएं मिल रहीं थीं, उन्हें एरियर देने के लिए निदेशालय के पास आठ करोड़ रुपये आए थे। ब्यूरो