प्रयागराज, इलाहाबाद हाईकोर्ट के तीन जजों की पूर्ण पीठ ने अंतरिम आदेशों की अवधि छह माह तक सीमित करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश से उत्पन्न समस्या के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट से अपने इस फैसले पर पुनर्विचार का आग्रह किया है और इसके के लिए रेफरेंस भेजा है।
तीन जजों की पीठ ने इस मामले पर विस्तृत और सभी पहलुओं पर गौर करने के बाद निष्कर्ष निकाला कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा संवैधानिक दायरे में एवं कानूनी प्रावधानों के तहत अपने निर्णय पर पुनर्विचार किए जाने की आवश्यकता है। अंतरिम आदेशों की अवधि सीमित करने से वादकारियों और हाईकोर्ट के समक्ष उत्पन्न स्थिति को लेकर सैकड़ों प्रार्थना पत्र दाखिल किए गए। अब अगर सर्वोच्च अदालत ने हाईकोर्ट का रेफरेंस माना तो वादकारियों को बड़ी राहत मिलेगी। मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर की अध्यक्षता में न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र एवं न्यायमूर्ति अजय भनोट ने इस मुद्दे पर विस्तृत सुनवाई के बाद पाया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा एशियन रिसर्फेसिंग केस में दिए गए निर्णय से उत्पन्न स्थिति पर संवैधानिक व कानूनी दायरे में पुनर्विचार की आवश्यकता है।