राजस्व मुकदमों के निपटारे में लापरवाही पर 12 जिलों के डीएम सहित विभिन्न एसडीएम और तहसीलदारों के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। मुख्यमंत्री की ओर से लगातार निगरानी के चलते खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों पर गाज गिरना शुरू हो गई है। बीते 31 अक्तूबर को की गई राजस्व परिषद की उच्च स्तरीय समीक्षा में कुल राजस्व वादों, पैमाइश, नामांतरण और कुर्रा-बंटवारा के निस्तारण में खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों के डीएम से स्पष्टीकरण मांगा गया है, साथ ही उपजिलाधिकारियों को चेतावनी और तहसीलदारों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है।
आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने गुरुवार को राजस्व मुकदमों में कई जिलों के डीएम द्वारा लापरवाही करने की खबर ‘प्रदेश में 16 लाख भूमि विवाद लंबित मिल रही सिर्फ तारीख पर तारीख’ शीर्षक से प्रकाशित की थी। इस खबर का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। अपर मुख्य सचिव राजस्व परिषद सुधीर गर्ग ने बताया कि राजस्व मामलों के जल्द से जल्द निस्तारण पर मुख्यमंत्री का विशेष जोर है। राजस्व विवादों से कानून-व्यवस्था के लिए चुनौतियां पैदा होती हैं। ऐसे में प्रदेश के 2941 राजस्व न्यायालयों में लंबित मामलों के त्वरित निस्तारण के लिए दो माह का विशेष अभियान चलाने के निर्देश सीएम की ओर से दिए गए हैं।
पांच तहसीलदारों को नोटिस जारी किया
नामांतरण के मामलों के निपटारे में कोताही बरतने वाली दुद्धी (सोनभद्र), मिहिपुरवां (बहराइच), ओबरा (सोनभद्र), मेजा (प्रयागराज) और रायबरेली (रायबरेली) के तहसीलदारों को प्रतिकूल प्रविष्टि भेजी गई है। खराब निस्तारण वाले जनपदों रायबरेली, प्रतापगढ़, सोनभद्र, अयोध्या और संत रविदास नगर के डीएम से स्पष्टीकरण मांगा गया है। कुर्रा-बंटवारा के मामलों के निपटारे में खराब प्रदर्शन करने वाली तहसीलों भदोही (संत रविदास नगर), रानीगंज (प्रतापगढ़), हैदरगढ़ (बाराबंकी), हंडिया (प्रयागराज) और कैम्पियरगंज (गोरखपुर) के एसडीएम को चेतावनी जारी की गई है।
इन अफसरों पर कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने राजस्व मामलों के निस्तारण में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले प्रतापगढ़, जौनपुर, संत रविदास नगर, अयोध्या और रायबरेली के जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है। पैमाइश में खराब प्रदर्शन करने वाले जनपदों मेरठ, संत रविदास नगर, प्रयागराज, शाहजहांपुर और आगरा के जिलाधिकारियों से भी स्पष्टीकरण देने को कहा गया है।