शिक्षकों, छात्रों व कर्मचारियों के लिए व्यवस्था शुरू न हुई तो प्राचार्य पर कार्रवाई
लखनऊ। शासन ने सभी राजकीय व एडेड महाविद्यालयों में शिक्षकों, छात्रों व कर्मचारियों की बायोमीट्रिक उपस्थिति अनिवार्य कर दी है। प्रदेश के कई कॉलेजों में यह व्यवस्था प्रभावी न बनाने पर नाराजगी जताते हुए उन्हें एक सप्ताह का वक्त दिया है। व्यवस्था प्रभावी न होने पर प्राचार्य का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए कार्रवाई की जाएगी।
शासन ने वर्तमान सत्र की शुरुआत में ही निर्देश दिए थे कि सभी राजकीय महाविद्यालयों, सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों में व्यवस्था तत्काल शुरू
बायोमीट्रिक उपस्थिति अनिवार्य रूप से शुरू की जाए। विश्वविद्यालयों में तो इसका अनुपालन किया जा रहा है लेकिन कॉलेजों में नहीं। ऐसे हालात तब हैं जब विद्यार्थियों के लिए 75 फीसदी उपस्थिति होने पर ही परीक्षा में शामिल होने का निर्देश दिया गया है। उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. केसी वर्मा ने सभी राजकीय व एडेड कॉलेजों के प्राचार्यों को पत्र भेजे कहा है कि नई की जाए।