लखनऊ : सात जिलों के परिषदीय स्कूलों के शिक्षक आनलाइन उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था को खुलेआम ठेंगा दिखा रहे हैं। इन जिलों में कुल 80192 शिक्षकों में से सिर्फ 1211 शिक्षकों ने ही आनलाइन हाजिरी लगाई है। यानी महज डेढ़ प्रतिशत शिक्षकों ने ही इस व्यवस्था का पालन किया और बाकी ने बहिष्कार किया। इन जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी की गई है। इन्हें निर्देश दिए गए हैं कि शिक्षकों के साथ सख्ती से निपटा जाए। उधर, मंगलवार को भी शिक्षकों ने इसका विरोध जारी रखा।
सीतापुर में 17522 शिक्षकों में से 701, उन्नाव में 12374 शिक्षकों में से 247, लखनऊ में 7286 अध्यापकों
में से 73, हरदोई में 15203 अध्यापकों में से 152, श्रावस्ती में 3870 में से 38 और रायबरेली व लखीमपुर खीरी में एक भी शिक्षक ने आनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं की। सीतापुर में सिर्फ चार प्रतिशत, उन्नाव में दो प्रतिशत, लखनऊ, हरदोई व श्रावस्ती में एक-एक प्रतिशत तथा रायबरेली व लखीमपुर में यह आंकड़ा शून्य रहा।
महानिदेशक, स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने इस पर नाराजगी
जताई है। उन्होंने कहा कि अगर शिक्षकों ने रवैया नहीं बदला तो कड़े कदम उठाने पड़ेंगे। यही नहीं, इन जिलों के कुल 25698 स्कूलों में से छह प्रतिशत स्कूलों में ही उपस्थिति सहित 12 डिजिटल रजिस्टर पर सूचनाएं उपलब्ध कराई गई हैं। उधर, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष डा. दिनेश चंद्र शर्मा ने बताया कि दूसरे दिन भी शिक्षकों के मत संग्रह का अभियान जारी रहा। दूसरे दिन लखनऊ में 720, रायबरेली में 1,186, श्रावस्ती में 1,935, सीतापुर में 7,291 और हरदोई में 2,769 शिक्षकों ने इसके विरोध में हस्ताक्षर किए। दो दिनों में करीब 70 प्रतिशत तक शिक्षक इसके विरोध हस्ताक्षर कर चुके हैं।