लखनऊ, । प्रदेश में नये वित्तीय वर्ष में बिजली कंपनियां विद्युत दरों में बड़ी वृद्धि कर सकती हैं। कंपनियों ने गुरुवार देर शाम विद्युत नियामक आयोग में जो वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) दाखिल किया है वह इसी ओर इशारा करता है। पूर्व की भांति बिजली कंपनियों की ओर से बिजली दरों का टैरिफ दाखिल नहीं करते हुए 11 से 12 हजार करोड़ रुपये का घाटा दर्शाया गया है। इससे साफ है कि पिछले दरवाजे से विद्युत दरों में 30 फीसदी तक बढ़ोतरी प्रस्तावित की जा सकती है।
प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों की ओर से वर्ष 2024-25 के लिए करीब 1 लाख 1 हजार करोड़ का एआरआर दाखिल किया गया है। टैरिफ कानून के तहत गुरुवार को इसे दाखिल करने का अंतिम दिन था। यह प्रस्ताव 13.6 फीसदी लाइन हानियों के आधार पर दिया गया है। वहीं लगभग 1 लाख 45 हजार मिलियन यूनिट बिजली की आवश्यकता बताते हुए उसकी कुल लागत लगभग 80 से 85 हजार करोड़ के बीच आंकी गई है। वहीं इसके पहले वर्ष 2023-24 में लगभग 92547 करोड़ का एआरआर दाखिल किया गया था।
पिछले साल दिखाया था 9124 करोड़ का घाटा
भले ही बिजली कंपनियों ने बिजली दर का प्रस्ताव दाखिल नहीं किया है लेकिन अगर 11 हजार करोड़ के ऊपर का घाटा (गैप) दर्शाते हुए आयोग से निर्णय लेने की बात चोर दरवाजे से बिजली दरों की बढ़ोतरी की ओर ही इशारा करती हैं। गत वर्ष भी बिजली कंपनियों ने यह घाटा 9124 करोड़ दर्शाते हुए अपना एआरआर दाखिल किया गया था।