प्रयागराजः यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा- 2024 में राजकीय विद्यालयों से टापर निकालने के लिए पढ़ाई पर विशेष जोर है, लेकिन राजकीय बालिका विद्यालयों से शिक्षिकाओं के चाइल्ड केयर लीव (सीसीएल) के ज्यादा आवेदन से संकट की स्थिति है। सीसीएल स्वीकृत करने के लिए शिक्षिकाओं के अधिकारी पति या रिश्तेदार शिक्षा विभाग के अफसरों से दबाव बनवा रहे हैं। इससे प्रधानाचार्या व डीआइओएस-2 इस उलझन में हैं कि सभी पात्र आवेदकों के अवकाश स्वीकृत करने पर परीक्षा से पहले पढ़ाई पूरी कराने पर असर पड़ेगा।
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा का परिणाम घोषित होता है तो मेधावियों की सूची में राजकीय विद्यालयों के विद्यार्थी स्थान नहीं बना पाते। ऐसे में शासन और विभाग का जोर परीक्षा को ध्यान में रखकर पढ़ाई कराने पर है, ताकि राजकीय विद्यालयों के भी विद्यार्थी मेरिट सूची में स्थान बना सकें। इसके लिए विद्यार्थी की क्षमता के अनुसार ग्रुप बनाकर विशेष कक्षाएं चलाई जा रही हैं।