नई दिल्ली, एजेंसी। शैक्षणिक प्रगति में अभूतपूर्व गिरावट का पता चला है। कई देशों में गणित और विज्ञान जैसे विषयों में बच्चे कमजोर हो रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय छात्र मूल्यांकन कार्यक्रम (पीआईएसए) के सर्वेक्षण में ये तथ्य सामने आए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, यूरोपीय देशों में जर्मनी और फ्रांस निचले पायदान पर हैं। जर्मन विद्यार्थियों का प्रदर्शन गणित और विज्ञान में पहले से कहीं ज्यादा खराब हुआ है। कोरोना महामारी के
बाद वैश्विक शिक्षा की स्थिति पर पहला अध्ययन छात्रों की मानसिक स्थिति पर भी केंद्रित है। 2018 के परीक्षणों के बाद से औसत अंतरराष्ट्रीय गणित स्कोर में 15 अंकों की गिरावट आई है, जो सीखने के एक वर्ष के तीन- चौथाई के बराबर है। वहीं, विषयों को समझने में आधे साल के बराबर की गिरावट आई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, आइसलैंड, नीदरलैंड, नॉर्वे और पोलैंड जैसे देशों में गणित में उल्लेखनीय रूप से कम
उपलब्धियां देखी गई। सर्वेक्षण के मुताबिक, एशियाई छात्रों का दबदबा कायम रहा। कई छात्रों ने दुनियाभर में अन्य जगहों पर अपने साथियों से बेहतर प्रदर्शन किया। नवीनतम मूल्यांकन में सिंगापुर शीर्ष स्थान पर रहा। नतीजों से
पता चलता है कि सिंगापुर के छात्र यूरोपीय देशों के छात्रों की तुलना में सीखने के मामले में तीन से पांच साल आगे हैं। मकाओ, ताइवान, हांगकांग, जापान और दक्षिण कोरिया के छात्रों का प्रदर्शन गणित में बेहतरीन रहा।
कोरोना का असर दिखा
पीआईएसए की शिक्षा विश्लेषक आइरीन हू ने कहा, पीआईएसए वर्ष 2022 के नतीजे छात्रों के प्रदर्शन में गिरावट दिखाते हैं, जो सर्वेक्षण के इतिहास में अभूतपूर्व