साथियों सादर नमस्कार..!! न हम आँखें झपकायेंगे और न ही ओंठ हिलाएंगे। यदि हम कुछ करेंगे तो मात्र टैबलेट का विरोध करेंगे। जब तक हमारी माँगें नहीं पूरी की जाएंगी हम टैबलेट से उपस्थिति नहीं देंगे। यदि महानिदेशक कार्यालय हमारे शोषण हेतु प्रतिबद्ध है तो हम उस शोषण का वैचारिक विरोध करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
आप सब सनद रखिये,जैसे मछुवारा मछली को फँसाने के लिए लोहे के कांटे में कोई चारा लगा देता है,मछली बेचारी उसे चारा समझकर खाने लगती है और फँस जाती है,मछुवारा और मछली के खेल का अंत मछली के मौत से होता है।
आज आदेश दिया गया है कि दिन में एक बार उपस्थिति देनी है। यदि आप सब उपस्थिति देने लगे तो कल को आदेश आएगा कि दिन दो बार उपस्थिति अनिवार्य रहेगी और परसों ही आदेश आयेगा कि सुबह 8:45 पर और शाम 3:30 पर भी उपस्थिति अनिवार्यतः देनी ही पड़ेगी।
ध्यान रखिएगा, हम लगभग पाँच लाख हैं और पाँच लाख शिक्षकों को न तो बर्ख़ास्त किया जा सकता है और न ही वेतन रोका जा सकता है।
*हम एक हैं और एकमत से टैबलेट का प्रतिकार करते हैं।*✊
क्योंकि शिकारी,शिकार का तरकीब बदल रहा है अपना शिकार नहीं! आप लोग खुद ही सोचिए जब सरकार शिक्षकों को कामचोर समझते हैं और उनकी उपस्थिति विद्यालय में सुबह 8:30 से 3:30बजे सुनिश्चित करना चाहती है तो फिर अब दिन में किसी भी वक्त हाजिरी देने की हालिया लॉलीपॉप व्यवस्था क्यों दी जा रही है,समझदार को इशारा काफी। सावधानी हटी दुर्घटना घटी……☠️
पहले ससुविधाएं व्यवस्थाएं उपलब्ध करवाई जाएं और अन्य सभी मांगे पूरी हों इससे पहले कोई सहयोग नहीं किया जाए तथापि सूचना सिर्फ 10 से 1:00 बजे तक ही दी जाए।✍️
*सतर्क रहें जागरूक करें एकजुट रहें।*
#निवेदक-प्रत्येक_पीड़ित_शिक्षक