लखनऊ। प्रदेश में उच्च से लेकर बेसिक शिक्षा, अनुदेशकों व सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक कॉलेजों के शिक्षकों की भर्ती के लिए गठित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की अधिसूचना बुधवार को जारी कर दी गई। इसमें आयोग के अध्यक्ष, सदस्यों के चयन, अधिकारियों की योग्यता और शिक्षकों की भर्ती के लिए आयोजित होने वाली परीक्षा व इंटरव्यू के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है। इसके अनुसार आयोग विभिन्न स्तर पर शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन लेगा।
अध्यापक व अनुदेशकों को भर्ती के लिए लिखित परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। लिखित परीक्षा दो घंटे की वस्तुनिष्ठ आधार पर होगी। लिखित परीक्षा के लिए 90 प्रतिशत नंबर और 10 फीसदी नंबर इंटरव्यू के होंगे। जहां साक्षात्कार नहीं होगा वहां लिखित परीक्षा के ही पूरे नंबर जोड़े जाएंगे। पूर्णांक का निर्धारण आयोग करेगा।
लिखित परीक्षा जिला मुख्यालयों पर ही आयोजित की जाएगी। ऐसे में बेसिक विद्यालयों में शिक्षकों के चयन के लिए लिखित परीक्षा व शैक्षिक गुणांक की वर्तमान व्यवस्था में बदलाव हो सकता है। अब इनका चयन या तो सीधे लिखित परीक्षा या लिखित परीक्षा व इंटरव्यू के आधार पर होगा। वहीं यूजी पीजी कॉलेज के प्राचार्य पद के लिए चयन लिखित परीक्षा व एपीआई के आधार पर होगा। लिखित परीक्षा में पास अभ्यर्थियों में से रिक्तियों के सापेक्ष तीन से पांच गुणा लोगों को बुलाया जाएगा।
उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव एमपी अग्रवाल की ओर से जारी नियमावली के अनुसार आयोग का अध्यक्ष प्रमुख सचिव स्तर के आईएएस, किसी विश्वविद्यालय के कुलपति, वरिष्ठ प्रोफेसर (दस साल का अनुभव, तीन साल का प्रशासनिक अनुभव हो) होगा। वहीं सदस्यों में सचिव स्तर के आईएएस, उच्च शिक्षा के संयुक्त निदेशक, संयुक्त निदेशक बेसिक या माध्यमिक शिक्षा, न्यायिक सेवा के, छह सदस्य शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान करने वाले होंगे।
तीन साल में भर्ती नहीं तो निरस्त होगा विज्ञापन
शासन ने कहा है कि यदि तीन साल के अंदर विज्ञापित पदों के सापेक्ष चयन प्रक्रिया नहीं शुरू होती है तो आयोग इसका विज्ञापन निरस्त कर सकता है। आयोग को फिर से इसे विज्ञापित करने का अधिकार होगा। अल्पसंख्यक संस्थानों में अध्यापकों के लिए चयन का विज्ञापन के लिए पदों की सूचना अलग से प्रकाशित की जाएगी। उनकी चयन प्रक्रिया में साक्षात्कार बोर्ड में एक विशेषज्ञ प्रतिनिधि अतिरिक्त रखा जाएगा