भावी पीसीएस अफसरों को देने होंगे परिस्थिति आधारित सवालों के जवाब
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की परीक्षा के बाद अब इंटरव्यू में भी बदलाव की तैयारी है। अभ्यर्थियों की नेतृत्व क्षमता और संवेदनशीलता के स्तर का आकलन करने के लिए उनसे परिस्थिति आधारित सवाल पूछे जाने का प्रस्ताव है। विशेषज्ञों की राय है कि उन्हें समाज के बीच रहकर प्रशासनिक व्यवस्था संभालनी है इसलिए विषय को ज्यादा महत्व ने दिया जाए।
ज्ञातव्य है कि यूपीपीएससी ने इंटरव्यू तकनीक में बदलाव की नींव दस माह पहले रख दी थी, जब पीसीएस मुख्य परीक्षा से वैकल्पिक विषय हटाए का निर्णय लिया था। इस बदलाव के बाद अब पीसीएस मुख्य
परीक्षा से लेकर इंटरव्यू तक विषय का महत्व नहीं रह गया है। आयोग ने वर्ष 2019 में पीसीएस मुख्य परीक्षा से रक्षा अध्ययन, समाज कार्य, अरबी, फारसी व कृषि अभियांत्रिकी विषय हटाए थे। फरवरी, 2023 में पीसीएस मुख्य परीक्षा में वैकल्पिक विषयों की अनिवार्यता को पूरी तरह से समाप्त कर दिया और वैकल्पिक विषय की जगह सामान्य अध्ययन के यूपी विशेष
प्रश्नपत्रों को शामिल कर लिया। वैकल्पिक विषय हटाने के पीछे तर्क दिया गया कि शासन और
प्रशासन को ऐसे अफसर चाहिए, जो अपने प्रदेश को समझते हों, क्योंकि पीसीएस में चयन के बाद उन्हें यूपी के जिलों में जाकर बतौर प्रशासक काम करना है। इसी आधार पर पीसीएस मुख्य परीक्षा में यूपी विशेष सामान्य अध्ययन के प्रश्नपत्र शामिल किए गए। ये प्रश्नपत्र यहां की योजनाओं, संस्कृति, लोक कलाओं, इतिहास, सभ्यता, सामाजिक संरचना, औद्योगिक विकास, अर्थव्यवस्था आदि पर आधारित हैं। यूपीपीएससी में 18 दिसंबर को 14 राज्यों के आयोगों के सदस्यों की राष्ट्रीय कार्यशाला में शामिल विशेषज्ञों और यूपीपीएससी के अध्यक्ष संजय श्रीनेत ने इस पर जोर दिया कि इंटरव्यू में परिस्थिति आधारित सवाल पूछे जाएं। ब्यूरो