वाराणसी, स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों का पता लगाने अब शिक्षक उनके घर पहुंच रहे हैं। तीन दिन तक स्कूल नहीं पहुंचने वाले बच्चों के अभिभावकों को पहले शिक्षक फोन कर रहे हैं। अगर 6 दिन तक स्कूल नहीं पहुंच रहे तो ग्राम प्रधान, सहायक शिक्षक और हेड मास्टर घर जाकर माता-पिता को बच्चे को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। सरकार के आदेश के बाद जिले में 1 दिसंबर से अभियान की शुरुआत की गई थी। इसके बाद से परिषदीय विद्यालयों में 5 फीसदी बच्चों की उपस्थिति बढ़ी है।
बेसिक शिक्षाधिकारी डॉ. अरविंद पाठक ने बताया कि योजना के तहत एक टीम बनाई गई है। स्कूल में एक नोडल शिक्षक भी बनाया गया है। एक दिसंबर से अब तक 5 फीसदी बच्चों की उपस्थिति बढ़ी है। वर्तमान में बच्चों की औसतन उपस्थिति 70 फीसदी है। दिसंबर के अंत तक 10 फीसदी उपस्थिति बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।
बुलावा अभियान में बच्चों की बढ़ी उपस्थिति
बेसिक शिक्षाधिकारी डॉ. अरविंद पाठक ने बताया कि तीन माह पहले बुलावा अभियान की शुरुआत की गई थी। हर माह कम उपस्थिति वाले 150 विद्यालयों में उपस्थिति बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया था। अभियान के बाद जहां फीसदी बच्चे स्कूल आते थे वहां 70 से 75 व जहां 80 फीसदी आते थे वहां 90 फीसदी उपस्थिति बढ़ी है।