प्रयागराज, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि किसी व्यक्ति की दोष मुक्ति के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा दाखिल की गई अपोल उसकी ग्रेच्युटी और पेंशन भुगतान को रोकने का आधार नहीं हो सकती है। इसी के साथ कोर्ट ने याची कर्मचारी की ग्रेच्युटी और पेंशन का अविलंब भुगतान करने का निर्देश दिया है।
हाईकोर्ट ने यह आदेश बलिया के पुलिस कांस्टेबल रहे शौकत अली खान की याचिका पर उसके अधिवक्ता इतिखाब आलम खान और सरकारी यकील को सुनकर दिया है। शौकत अली खान ने याचिका दाखिल कर कहा कि उसके खिलाफ एक मामले में अदालत ने पुलिस की फाइनल रिपोर्ट रह करते हुए प्रकरण को परिवाद के
रूप में स्वीकार किया। उस पर विचारण के बाद 27 जनवरी 2021 को अदालत ने उसे दोष मुक्त कर दिया। दोष मुक्ति के आदेश को राज्य सरकार की ओर से ऊपरी अदालत में चुनौती दी गई। इसी आधार पर उसकी ग्रेच्युटी और पेंशन का भुगतान रोक लिया गया। याची के अधिवक्ता इंतिखाब आलम खान का कहना था कि अपील दाखिल होने के आधार पर याची के सेवानिवृत्ति परिलाभ रोकना अनुचित है।
■ बलिया के पुलिस कांस्टेबल के मामले में ने की टिप्पणी ■ कोर्ट ने याची की ग्रेच्युटी व पेंशन का भुगतान करने का दिया निर्देश