समाज कल्याण विभाग में तैनात 16 अध्यापकों के फर्जी अनुमोदन मामले में निदेशक समाज कल्याण द्वारा एफआईआर का आदेश दिया गया था। इसके खिलाफ अध्यापक हाईकोर्ट चले गए। हाईकोर्ट ने शिक्षकों को राहत प्रदान करते हुए निदेशक समाज कल्याण को आठ जनवरी को तलब किया है।
समाज कल्याण विभाग में अध्यापकों की नियुक्ति में बीएसए द्वारा लगाए गए अनुमोदन को फर्जी करार दिया गया था। इसके बाद तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी विकास शशांक सिंह ने एक अध्यापक यशवंत राय के खिलाफ नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया। इसके बाद शेष शिक्षकों पर कार्रवाई की तलवार लटकी रही थी। निदेशालय की ओर से शेष 16 अध्यापकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश जारी किया। साथ ही निदेशालय ने दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी शशांक सिंह जो जिला समाज कल्याण अधिकारी विकास का कार्य देख रहे थे, उनकी जगह मोतीलाल को जिला समाज कल्याण अधिकारी विकास की भी जिम्मेदारी सौंप दी। अभी उनके द्वारा एफआईआर दर्ज कराई जाती, उसके पहले शेष बचे 16 शिक्षक हरिजन प्राइमरी पाठशाला कटवा भकुही के राजेश कुमार, अरविंद सिंह और राजेश यादव, आंबेडकर ग्रामीण हरिजन प्राइमरी पाठशाला करउत के अजय सिंह, मनोज और रामजी सिंह, प्रबुद्ध आंबेडकर अनुसूचित प्राइमरी पाठशाला बनकट लेदौरा के गणेश शंकर यादव, सुनीता राज, इंद्रबहादुर राव, विजय प्रताप सिंह और विवेक उपाध्याय, अनुसूचित जाति प्राइमरी पाठशाला मुड़ियार फूलपुर के अरूण कुमार उपाध्याय, विजेंद्र और योगेंद्र प्रताप सिंह, अनुसूचित जाति प्राइमरी पाठशाला आजमगबांध जहानागंज के विनोद कुमार और राजेश यादव फिर हाईकोर्ट की शरण में चले गए। हाईकोर्ट ने उनके ऊपर कराए जाने वाले एफआईआर पर स्थगन आदेश जारी करते हुए निदेशक समाज कल्याण को आठ जनवरी को कोर्ट में तलब किया है।