प्रयागराज। प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालयों में विज्ञापन संख्या 51 के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर के 1017 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन की प्रक्रिया को डेढ़ साल पूरे होने वाले हैं लेकिन अभी तक परीक्षा नहीं कराई गई।
नए शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन के बाद यह भर्ती शुरू होगी। इस दौरान कॉलेजों में सैकड़ों पद खाली हुए हैं। ऐसे में पुरानी भर्ती में नए पदों को शामिल किए जाने की उम्मीद बढ़ी है।
इस भर्ती के लिए उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने विज्ञापन जारी कर आवेदन मांगे थे। परीक्षा भी आयोग को ही करानी थी लेकिन इसी बीच तय हुआ कि नए शिक्षा सेवा चयन आयोग के माध्यम से भर्ती कराई जाएगी। आवेदन की प्रक्रिया अगस्त-2022 में पूरी हो गई थी लेकिन डेढ़ साल में नए शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन नहीं हो सका।
अब नए आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया गया है। अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति के बाद आयोग सक्रिय होगा और पुरानी लंबित पड़ीं भर्तियां शुरू की जाएंगी। अगले साल लोकसभा के चुनाव
भी प्रस्तावित हैं। चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद भर्ती के नए विज्ञापन जारी नहीं किए जा सकेंगे। ऐसे में अभ्यर्थी चाहते हैं कि पुरानी भर्ती में नए पदों को शामिल कर लिया जाए। अभ्यर्थियों का दावा है कि आयोग ने
जितने पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन
जारी किया था, उससे अधिक पद
कॉलेजों में रिक्त पड़े हैं। पिछले डेढ़ वर्ष
में हजारों की संख्या में अभ्यर्थियों ने इस
भर्ती में शामिल होने के लिए अनिवार्य
शैक्षिक अर्हता पूरी कर ली है। ऐसे
अभ्यर्थी चाहते हैं कि विज्ञापन संख्या-
51 के तहत आवेदन की खिड़की एक
बार फिर से खोल दी जाए और उसी भर्ती
में नए पदों को शामिल कर लिया जाए। ऐसा हुआ तो अभ्यर्थियों को नए विज्ञापन के लिए इंतजार नहीं करना होगा और पुरानी भर्ती में नए अभ्यर्थी भी शामिल हो सकेंगे। पदों की संख्या बढ़ने से अभ्यर्थियों के लिए चयन के अवसर
भी बढ़ेंगे। वहीं, कुछ अभ्यर्थी यह भी चाहते हैं कि विज्ञापन संख्या 51 की की शतों में कोई बदलाव न किया जाए, क्योंकि इससे भर्ती पूरी होने में अनावश्यक विलंब होगा और यह प्रतियोगी छात्रों के हित में नहीं होगा।
इन तमाम तरह के मुद्दों को लेकर अभ्यर्थियों ने उच्च शिक्षा मंत्री को पत्र भी लिखा है। उधर, इस बारे में प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि नए आयोग के गठन में विलंब के कारण भर्तियां अटकी हुई हैं।
उन्होंने बताया कि समिति की ओर से मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की गई है कि अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति होते ही लंबित भर्तियां तत्काल शुरू कर दी जाएं और भर्तियां इस तरह से हों कि इसी शैक्षिक सत्र में शिक्षकों के अधिक से अधिक पदों पर नियुक्तिय हो जाएं।