स्ट्राइक बैलेट का नतीजा : OPS को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल के पक्ष में हैं कर्मचारी
Pension Jayghosh Maharally will be held at Ramlila Maidan on December 10 on old pension
‘पुरानी पेंशन बहाली’ की लड़ाई अब अंतिम दौर की तरफ बढ़ रही है। अगर सरकार, कर्मचारियों की इस मांग को नहीं मानती है, तो उस स्थिति में अनिश्चितकालीन हड़ताल हो सकती है। कितने कर्मचारी, अनिश्चितकालीन हड़ताल के पक्ष में हैं, यह पता लगाने के लिए केंद्र सरकार में दो बड़े विभाग, रेलवे और रक्षा विभाग (सिविल) में स्ट्राइक बैलेट यानी मतदान कराया गया था।
ओपीएस के लिए गठित नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) की संचालन समिति के राष्ट्रीय संयोजक एवं स्टाफ साइड की राष्ट्रीय परिषद ‘जेसीएम’ के सचिव शिवगोपाल मिश्रा ने कहा, अब स्ट्राइक बैलेट का नतीजा आ गया है। रेलवे के 11 लाख कर्मियों में से 96 फीसदी कर्मचारी ओपीएस लागू न करने की स्थिति में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए तैयार हैं। इसके अलावा रक्षा विभाग (सिविल) के चार लाख कर्मियों में से 97 फीसदी कर्मी, हड़ताल के पक्ष में है। यह मतदान पूरी तरह निष्पक्ष तरीके से हुआ है। कर्मियों ने बिना किसी दबाव के अपना मत डाला है। अब ज्वाइंट फोरम की बैठक में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए निर्धारित तिथि की घोषणा की जाएगी।
‘पुरानी पेंशन’ के मुद्दे पर केंद्र और राज्यों के सरकारी कर्मचारी लामबंद हो रहे हैं। दिल्ली का रामलीला मैदान, पुरानी पेंशन के लिए सरकारी कर्मियों की लड़ाई का गवाह बन रहा है। अभी तक इस मैदान पर तीन रैलियां हो चुकी हैं। अब दस दिसंबर को ‘नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत’ के बैनर तले निर्णायक ‘पेंशन जयघोष महारैली’ आयोजित होगी। ऑल इंडिया एनपीएस एंप्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मंजीत पटेल का कहना है कि ‘पेंशन जयघोष महारैली’, एक निर्णायक रैली होगी। अगर उस समय तक केंद्र सरकार, पुरानी पेंशन बहाल नहीं करती है, तो उस रैली में अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की जाएगी।
अभी तक हुई हैं तीन रैलियां
नई दिल्ली के रामलीला मैदान में दस अगस्त को केंद्र सरकार के कर्मियों की पहली रैली हुई थी। इसमें कई राज्यों के कर्मचारी संगठनों ने भी शिरकत की थी। ओपीएस के लिए गठित नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) की संचालन समिति के राष्ट्रीय संयोजक एवं स्टाफ साइड की राष्ट्रीय परिषद ‘जेसीएम’ के सचिव शिवगोपाल मिश्रा ने रैली में कहा था, लोकसभा चुनाव से पहले पुरानी पेंशन लागू नहीं होती है, तो भाजपा को उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। कर्मियों, पेंशनरों और उनके रिश्तेदारों को मिलाकर यह संख्या दस करोड़ के पार चली जाती है। चुनाव में बड़ा उलटफेर करने के लिए यह संख्या निर्णायक है।
नई दिल्ली के रामलीला मैदान में दस अगस्त को केंद्र सरकार के कर्मियों की पहली रैली हुई थी। इसमें कई राज्यों के कर्मचारी संगठनों ने भी शिरकत की थी। ओपीएस के लिए गठित नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) की संचालन समिति के राष्ट्रीय संयोजक एवं स्टाफ साइड की राष्ट्रीय परिषद ‘जेसीएम’ के सचिव शिवगोपाल मिश्रा ने रैली में कहा था, लोकसभा चुनाव से पहले पुरानी पेंशन लागू नहीं होती है, तो भाजपा को उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। कर्मियों, पेंशनरों और उनके रिश्तेदारों को मिलाकर यह संख्या दस करोड़ के पार चली जाती है। चुनाव में बड़ा उलटफेर करने के लिए यह संख्या निर्णायक है।
इसके बाद एक अक्तूबर को रामलीला मैदान में ही ‘पेंशन शंखनाद महारैली’ आयोजित की गई। इसका आयोजन नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) के बैनर तले हुआ था। एनएमओपीएस के अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहा था, पुरानी पेंशन कर्मियों का अधिकार है। वे इसे लेकर ही रहेंगे। दोनों ही रैलियों में केंद्र एवं राज्य सरकारों के लाखों कर्मियों ने भाग लिया था। इन दो विशाल रैलियों के बाद 3 नवंबर को कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एंप्लाइज एंड वर्कर्स ने रामलीला मैदान में रैली की थी।
केंद्र/राज्यों के कर्मचारी संगठन हिस्सा लेंगे
डॉ. मंजीत पटेल के अनुसार, ‘पेंशन जयघोष महारैली’, ‘नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत’ के बैनर तले 10 दिसंबर को होगी। इसमें केंद्र और राज्यों के कर्मचारी संगठन हिस्सा लेंगे। लंबे समय से इस रैली की तैयारियां चल रही हैं। ओपीएस के लिए गठित नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) की संचालन समिति के सदस्य डॉ. मंजीत बताते हैं कि दस दिसंबर की रैली में करीब डेढ़ दर्जन केंद्रीय संगठन और अनेक प्रदेशों की एसोसिएशन/फेडरेशन, शिरकत करेंगे। केंद्र सरकार के लिए यह रैली एक अल्टीमेटम है।
अगर सरकार ने दिसंबर में ओपीएस बहाली को लेकर कोई पुख्ता घोषणा नहीं की, तो जनवरी 2024 से हड़ताल शुरू होगी। केंद्र सरकार की तरफ से जुलाई में ऑल इंडिया एनपीएस एंप्लाइज फेडरेशन से सुझाव मांगे गए थे। सरकार को लिखित में सुझाव दिए गए। उसके बाद सरकार की तरफ से कुछ नहीं बताया गया। स्टाफ साइड की राष्ट्रीय परिषद ‘जेसीएम’ के सचिव शिवगोपाल मिश्रा की तरफ से भी सरकार को सुझाव दिए गए हैं। बतौर डॉ. पटेल, सरकार द्वारा एनपीएस में शामिल लोगों से प्रत्यक्ष तौर पर बातचीत नहीं की जा रही।
अनिश्चितकालीन हड़ताल के पक्ष में हैं कर्मचारी
‘पुरानी पेंशन बहाली’ की लड़ाई अब अंतिम दौर की तरफ बढ़ रही है। अगर सरकार, कर्मचारियों की इस मांग को नहीं मानती है, तो उस स्थिति में अनिश्चितकालीन हड़ताल हो सकती है। कितने कर्मचारी, अनिश्चितकालीन हड़ताल के पक्ष में हैं, यह पता लगाने के लिए केंद्र सरकार में दो बड़े विभाग, रेलवे और रक्षा विभाग (सिविल) में स्ट्राइक बैलेट यानी मतदान कराया गया था।
ओपीएस के लिए गठित नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) की संचालन समिति के राष्ट्रीय संयोजक एवं स्टाफ साइड की राष्ट्रीय परिषद ‘जेसीएम’ के सचिव शिवगोपाल मिश्रा ने कहा, अब स्ट्राइक बैलेट का नतीजा आ गया है। रेलवे के 11 लाख कर्मियों में से 96 फीसदी कर्मचारी ओपीएस लागू न करने की स्थिति में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए तैयार हैं। इसके अलावा रक्षा विभाग (सिविल) के चार लाख कर्मियों में से 97 फीसदी कर्मी, हड़ताल के पक्ष में है। यह मतदान पूरी तरह निष्पक्ष तरीके से हुआ है। कर्मियों ने बिना किसी दबाव के अपना मत डाला है। अब ज्वाइंट फोरम की बैठक में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए निर्धारित तिथि की घोषणा की जाएगी।