प्रयागराज। अगर आपका बच्चा पास से किताब पढ़ रहा है, करीब से टीवी देख रहा है या फिर बेहतर देखने के लिए आंखों को तिरछा कर रहा है, या सिर को झुका रहा है तो सावधान हो जाइए। क्योंकि यह लक्षण मायोपिया (रिफ्रेक्टिव एरर) के हैं। ऐसे में तुरंत किसी आंखों के डॉक्टर से संपर्क करके अपने बच्चे के आखों की जांच करा लें। इन दिनों बच्चों में मायोपिया की समस्या तेजी से बढ़ रही है। चिकित्सकों की मानें तो हर 10 में से पांच बच्चों के आंखों की रोशनी कमजोर होती हैं।
बच्चों का शरीर और आंखें विकसित हो रही होती हैं। आंखों का आकार बढ़ने से कार्निया और रेटिना में तेज खिंचाव हो सकता है। मायोपिया धीरे धीरे या तेजी से विकसित हो सकता है। बहुत से बच्चों को दूर की वस्तु ठीक से दिखाई नहीं देती है, मगर वह समस्या बता नहीं पाते हैं। उन्हें लगता है कि वह ठीक देख रहे हैं। वह चीजों को साफ देखने के लिए वस्तु के पास आने की कोशिश भी करते हैं। अगर आपको यह महसूस हो जाता है कि बच्चे को दूर की चीजें देखने में मुश्किल हो रही है तो तुरंत नेत्ररोग विशेषज्ञ को दिखाएं। छह
महीने से तीन साल की उम्र और पहली कक्षा में आने से पहले बच्चों की आंखों की जांच करानी चाहिए। विशेषकर यह तब जरूरी है जब आंखे खराब होने या इनमें कोई और समस्या होने का पारिवारिक इतिहास हो।
स्कूलों में बच्चों का दाखिला कराने से पहले उनके आंखों की जांच जरूरी है। क्योंकि बच्चों की नजर अगर कमजोर होती है, तो उन्हें इस बात का पता नहीं होता है। इस कारण समस्या और भी बढ़ जाती है। -डॉ. रश्मी जायसवाल, प्रमुख अधीक्षक, बीएस मेहता
क्या हैं कारण: 1-अगर माता या पिता दोनों में से किसी को यह समस्या है तो इसका खतरा बढ़ जाता है। 2- किताबों या स्क्रीन से आवश्यक दूरी न रखना मायोपिया के खतरे को अधिक बढ़ा देता है। 3- प्राकृतिक रोशनी में कम समय बिताने से मायोपिया का खतरा बढ़ जाता है।
क्या हैं लक्षण 1-कक्षा में ब्लैक बोर्ड या व्हाइट बोर्ड से ठीक प्रकार से दिखाई न देना 2 पढ़ाई पर फोकस न कर पाना 3-बार-बार आंखे झपकाना, सिरदर्द, भेंगापन, लगातार आंखे मसलना 4-दूर की चीजें देखने पर आंखों में तनाव और थकान महसूस होना 5-किताब व टीवी पास से देखना है.
क्या है मायोपिया
मायोपिया या निकट दृष्टि दोष आंखों की वह स्थिति है.
जिसमें दूर का देखने में परेशानी होती है। ऐसा तब होता है जब आंख की पुतली (आई बॉल) का आकार बढ़ने से प्रतिबिंब रेटिना पर बनने के बजाय थोड़ा आगे बनता है। ऐसा होने से दूर की वस्तुएं धुंधली और अस्पष्ट दिखाई देती हैं, लेकिन पास की वस्तुएं देखने में कोई परेशानी नहीं होती है।
मायोपिया होने का प्रमुख कारण अनुवांशिक होता है, मगर कोरोना के बाद से बच्चों में इसकी समस्या बढ़ी है। क्योंकि मोबाइल, टीवी का पास से देखना बच्चों के आंखों की रोशनी को प्रभावित कर रहा । -डॉ. अनूप चौहान, नेत्र रोग विशेषज्ञ